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Pulwama Attack: 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय', एक मैसेज ने CRPF के जवान की बचाई जान

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी को सबसे भयावह आतंकी हमला हुआ.

Updated on: 20 Feb 2019, 05:22 PM

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी को सबसे भयावह आतंकी हमला हुआ. इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई घायल हो गए. पुलवामा हमले में एक जवान की कहानी ऐसी भी है, जो अपने साथियों के साथ कश्मीर रवाना होने जा रहे थे लेकिन एक मैसेज ने उनकी जान बचा ली. जाको राखे साइयां मार सके न कोय.. कहावत इस जवान पर बिल्कुल सटीक बैठती है. महाराष्ट्र के अहमदनगर के थाका बेलकर को उनकी शादी के लिए छुट्टी नहीं मिली थी और उन्हें कश्मीर जाने के लिए कहा गया. इस आदेश के बाद थाका अपने साथियों के साथ रवाना होने की तैयारियों में जुट गए.

इसी दौरान उनके फोन पर मैसेज आया 'आपकी छुट्टी मंज़ूर हो गयी है' इस मैसेज को पढ़ने के बाद थापा गाड़ी से उतर गए और उनकी जान बच गयी. गाडी से उतारकर अपने घर को रवाना हुए थापा अपने घर को लौट रहे थे कि उन्हें आतंकी हमले के बारे में पता चला. इस खबर से उन्हें गहरा सदमा लगा. शादी की तैयारियों में जोर-शोर से जूता बेलकर का परिवार भी इस खबर के बाद सदमे में है. एक निजी  चैनल से बातचीत के बाद बेलकर के पिता ने कहा कि  उन्हें अपने बेटे के घर वापस आने की ख़ुशी से ज्यादा इस बात का गम है कि उनके साथियों  की जान चली गयी. इस घटना के बाद सब दुखी है. उनके परिजनों का कहना है कि उनकी शादी को लेकर कोई उत्साह नहीं है. 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये. घाटी में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया, जिसके बाद बस के परखच्चे उड़ गए. धमाका इतना जबरदस्त था कि आस-पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखर गए. जैश-ए-मोहम्मद ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.