उम्मीद है राफेल की तरह राम मंदिर-मस्जिद के फैसले का भी करेंगे स्वागत: महबूबा मुफ़्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने राम मंदिर, भारत-पाक के रिश्तों सहित कई मुद्दों पर बात की.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने राम मंदिर, भारत-पाक के बीच रिश्तों सहित कई मुद्दों पर बात की. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि बीजेपी को राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करना चाहिए. राफेल का उदहारण देते हुए मुफ़्ती ने कहा, मुझे उम्मीद है जैसे राफेल पर SC के फैसले का स्वागत किया गया वैसे ही राम जन्म भूमि-बाबरी पर फैसले का स्वागत करेंगे और सुप्रीम कोर्ट पर ऊंगली नहीं उठाएंगे. जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर महबूबा मुफ़्ती ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी द्वारा किये गए प्रयासों को सराहा. मुफ़्ती ने कहा, 'मेरे पिता के पास महान विजन था. वह चाहते थे अटल जी की राजनीतिक प्रक्रिया को मोदी जी आगे ले जाएं. हमने सोचा कि भले ही इसका राजनीतिक नुकसान हो लेकिन हम कश्मीरियों को उस समस्या से निकालेंगे. यही मुख्य उद्देश्य था, जिसके लिए हमने बाकी सबकुछ किनारे रख दिया.'
M Mufti: My father had a great vision. He wanted the political process started by Vajpayee ji to be taken forward by Modi ji. We thought though it'll damage us politically we'll be able to take Kashmiris out of the mess they're in. That was the real purpose, we staked everything. pic.twitter.com/EsRXtkAz87
— ANI (@ANI) December 14, 2018
इस दौरान पीडीपी अध्यक्ष ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को लेकर बोला. उन्होंने कहा, 'लोग कहते हैं कि इमरान खान सेना के प्रतिनिधि है. अगर ऐसा है तो सही है क्योंकि आर्मी और इमरान खान एक साथ होंगे. अगर वह इसे रोकने के लिए कहते है तो बातचीत की होगी और सुलह के लिए जाएंगे.'
M Mufti on India-Pak relations after a new Pak PM: People keep saying Imran Khan is a proxy for Army. If he is that, that is better because Army and he will be on the same page & if he is saying that stop, let's have a dialogue, let's go for reconciliation, that's all the better. pic.twitter.com/XDcYBPCzZ5
— ANI (@ANI) December 14, 2018
महबूबा ने कहा कि शांति से ही शासन मुमकिन है. पीडीपी अध्यक्ष ने पाकिस्तान, अलगाववादियों के साथ बातचीत न करने को लेकर मोदी पर निशाना साधा. बीजेपी पर हमला बोलते हुए मुफ़्ती ने कहा, ‘हमें मालूम था कि बीजेपी के साथ गठबंधन आत्मघाती होगा. कश्मीर में शांति के लिए पाकिस्तान, अलगाववादियों के साथ मोदी ने वार्ता नहीं की., हमने सोचा कि मोदी इस मौके पर आगे बढ़ेंगे और चूंकि (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी को उस प्रकार का जनादेश प्राप्त नहीं था, हमने सोचा कि जहां से वाजपेयी ने छोड़ा था, वहां से वह आगे बढ़ेंगे.'
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