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कश्मीर की आजादी मांगने वालों को फारूक अब्दुल्ला ने बताया सिरफिरा, कहा- अक्ल आ जाएगी

फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि जो ऐसा बोलते हैं वे सरफिरे हैं, उन्हें अक्ल आ जाएगी. उन्होंने कहा कि लोग कौन सा पाकिस्तान जाना चाहते हैं.

Updated on: 17 Jan 2019, 05:35 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर की आजादी लगाने वालों और पाकिस्तान जाने की बात करने वालों पर हमला बोला है. फारुक ने कहा कि जो ऐसा बोलते हैं वे सरफिरे हैं, उन्हें अक्ल आ जाएगी. उन्होंने कहा कि लोग कौन सा पाकिस्तान जाना चाहते हैं.

फारूक ने कहा, 'हमारे यहां भी आवाजें हैं, कोई कहता है आजादी, कोई कहता है हमें पाकिस्तान जाना है, अरे कौन सा पाकिस्तान जाओगे? ये देश, जम्मू-कश्मीर कभी पाक का नहीं होगा. बल्कि जामा मस्जिद के स्टेज पर मैंने कहा हम पाक नहीं जा सकते, ये सरफिरे हैं उनको अक्ल आ जाएगी.'

पिछले साल सितंबर में पूर्व मुख्यमंत्री ने था कि देश के दुश्मन बाहर नहीं बल्कि अंदर ही हैं. उन्होंने कहा था, 'अगर फिर से देश का विभाजन हुआ तो तबाही आ जाएगी. हमारे दुश्मन सीमा पार नहीं बल्कि हमारे बीच है. जब तक हमलोग इस दुशमन से नहीं लड़ेंगे इस समस्या का सामाधान नहीं निकलेगा.' उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का मसला तब तक नहीं सुलझाया जा सकता जब तक हमारे आपसी टकराव खत्म नहीं हो जाते.

इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर कहा था कि जब तक लोगों में एकता है तब तक कोई भारत को बांट नहीं सकता.

उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा था, 'हम वर्षों से आतंक का मुकाबला करते आ रहे हैं. वह राज्य के सक्रिय सदस्य (पाकिस्तान के) हैं. वे जातीय आधार पर कश्मीर को पाक बनाना चाहते हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि हमें सफलता मिल रही है क्योंकि हमारी बड़ी आबादी उनसे ऊब चुकी है.'

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वहीं पिछले महीने भी एनसी प्रमुख ने कहा था कि जिस दिन भारत और पाकिस्तान में दोस्ती हो जाएगी, कश्मीर का मुद्दा खुद ब खुद सुलझ जाएगा. उन्होंने कहा था कि राज्य का वह भाग जिस पर पाकिस्तान शासन करता है, वह पड़ोसी देश का है, और बाकी का हिस्सा भारत का है.

यह पूछे जाने पर कि जब नेशनल कांफ्रेंस सत्ता में आएगी तो क्या पार्टी आंतरिक स्वायत्तता की मांग के अलावा कोई और प्रस्ताव पेश करेगी? उन्होंने कहा कि केंद्र-राज्य संबंधों की बेहतरी के लिए स्वायत्तता उनकी पार्टी का एक मात्र प्रस्ताव है.

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उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया था कि केंद्र सरकार ने स्वायत्तता की मांग को ठुकरा दिया है. अब्दुल्ला ने कहा था, 'केंद्र इस मांग को खारिज नहीं कर सकती, क्योंकि राज्य के लोगों के पास संविधान के अंतर्गत ऐसी मांग करने का पूरा अधिकार है.'