पुलवामा हमले के बाद CRPF काफिले को लेकर बदले नियम, ओवरटेक करने वाली गाड़ी को समझा जाएगा दुश्मन
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद फौज की मूवमेंट को लेकर एक नया एसओपी बनाया गया है.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद हाल ही में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ. 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर भयावह हमला हुआ, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस काफिले में 70 गाड़ियां शामिल थी, जिसमें 2000 से ज्यादा जवान शामिल थे. इस हमले के बाद सुरक्षा में चूक, एक-साथ इतने बड़े काफिले को इजाजत जैसे तमाम सवाल उठाए गए. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी सवाल उठाया कि इतने बड़े काफिले का मूवमेंट नहीं होना चाहिए था. पुलवामा हमले के बाद सीआरपीएफ ने अब ज्यादा सतर्कता बरतने का फैसला लिया है. रविवार को सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने कहा था कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर में बदलाव करने का फैसला लिया गया है. पुलवामा हमले के बाद फौज की मूवमेंट को लेकर एक नया एसओपी बनाया गया है. यह नए नियम कुछ इस प्रकार है.
1) काफिले के मूवमेंट के दौरान आम लोगो की गाड़ियों पर रोक
2) आम लोगों की गाड़ियों की जिम्मेदारी पुलिस की होगी
3) कोई लाइन पार न करें इसलिए काफिले की गाड़ियों पर लाल झंडे लगेंगे
4) अगर कोई लाल झंडे को क्रॅास करेगा तो उसे दुश्मन माना जाएगा
5) काफिला गुजरने के वक्त 15-20 मिनट के लिए उस वक्त ट्रैफिक ब्लॅाक कर दिया जाएगा
6) सेना, पुलिस और सीआरपीएफ कॅारडिनेशन के साथ काफिले के मूवमेंट को और सुरक्षित बनाएंगे
7) सीआरपीएफ रोड ओपनिंग पार्टी बनाने का काम जारी रखेगी
8) आर्मी हाईवे डॉमिनेशन टीम सेना के काफिले को आगे और पीछे सुरक्षा देंगी
9) नया नियम तोड़ने वालों और ओवरटेक की कोशिश करने वाली किसी भी गाड़ी को शत्रु समझा जाएगा
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इससे पहले हमले के बाद स्थिति का जायजा लेने कश्मीर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि अब सुरक्षा बलों का काफिला गुजरते वक्त आम ट्रैफिक रोका जाएगा. उन्होने कहा था कि आवाजाही पर कुछ वक्त के लिए रोक लगा दी जाएगी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया, जिसके बाद बस के परखच्चे उड़ गए. धमाका इतना जबरदस्त था कि आस-पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखर गए. जैश-ए-मोहम्मद ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.
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