पुलवामा में उरी के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला, कितना वीभत्स था CRPF हमला, बयां कर रहीं ये तस्वीरें
सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए.
नई दिल्ली:
जम्मू -कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है.
धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि एक आत्मघाती हमलावर ने अपरान्ह करीब सवा तीन बजे अपने वाहन से अचानक सुरक्षा बलों की बस में टक्कर मारी. इससे पहले आई खबरों में कहा जा रहा था कि आतंकियों ने आईईडी विस्फोट किया और उसके बाद काफिले पर गोलियां बरसाईं.
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, चार पहिया वाहन में IED लगाया गया था. जवानों का काफिला वहां से गुजरती ही ब्लास्ट हो गया. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.
पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने इस नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया है जिसे हमले से पहले शूट किया गया था। हमलावर की पहचान कमांडर आदिल अहमद दार के रूप में हुई है. यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ.
एक रिपोर्ट में कहा गया कि एसयूवी 200 किलो विस्फोटक से भरी हुई थी, जिसमें आरडीएक्स भी हो सकता है. शुक्रवार को बिहार के दौरे पर जाने वाले गृह मंत्री राजनाथ सिंह अब यहां जाने के बजाए श्रीनगर पहुंचने वाले हैं.
जम्मू-कश्मीर में हुए सीआरपीएफ हमले के बाद पूरे देश में रोष है. देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और पाकिस्तान के झंडे जलाये.
गृह सचिव राजीव गौबा भूटान का अपना दौरा बीच में छोड़कर शुक्रवार को उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के लिए श्रीनगर पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दलों के नेताओं व समाज के अन्य लोगों ने इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा की है.
अधिकारियों ने कहा कि एक बार में इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के स्थानांतरित होने के पीछे खराब मौसम के कारण पिछले दो दिनों से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग का बंद होना था. काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे निकला था.
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