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जम्मू-कश्मीर बीजेपी प्रमुख ने विधायकों की खरीद-फरोख्त पर विपक्ष के आरोपों पर किया पलटवार, कहा- जो खुद करते हैं वही बोल रहे हैं

जम्मू-कश्मीर में सरकार गिरने के बाद बुधवार को राज्यपाल शासन लागू हो गया। लेकिन राज्य में सरकार गठन के लिए बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगने शुरू हो गए।

Updated on: 20 Jun 2018, 01:59 PM

श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर में सरकार गिरने के बाद बुधवार को राज्यपाल शासन लागू हो गया। लेकिन राज्य में सरकार गठन के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगने शुरू हो गए।

इन आरोपों पर जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रमुख रवींद्र रायना ने उल्टा पलटवार किया है।

रवींद्र रायना ने कहा, 'जो यह कह रहे हैं कि हॉर्स ट्रेडिंग की जा रही है, ये वही लोग हैं जो यह करते हैं। जम्मू-कश्मीर में किसी प्रकार से विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का कोई उद्देश्य नहीं है।'

बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि सरकार बनाने के लिए बीजेपी दूसरी पार्टियों में तोड़फोड़ कर सकती है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा भंग कर नए चुनाव की रूप रेखा तैयार की जानी चाहिए। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि सरकार बनाने के लिए खरीद-फरोख्त हो सकती है, बीजेपी पर भरोसा नहीं किया जा सकता।'

बुधवार को उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि राज्य में जल्द कोई सरकार बनने जा रही है। अनिश्चितता हमेशा बनी हुई है लेकिन हमलोग कुछ कर रहे हैं। जल्द ही आम लोगों को भी इसके बारे में पता चल जाएगा।'

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इस पर उमर अब्दुल्ला ने जवाब देते हुए कहा, 'हम लोग कुछ कर रहे हैं? इस 'कुछ' का मतलब केवल यही हो सकता है कि वो पार्टी तोड़कर पर्याप्त संख्या जुटाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे कि सरकार बनाई जा सके। क्या उन्होंने अंजाने में राज़ से पर्दा उठा दिया है।'

गौरतलब है कि मंगलवार को पीडीपी से बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद जम्मू-कश्मीर में सरकार गिर गई जिसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया।

वहीं बुधवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मंजूरी के बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हो गया।

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