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पुलवामा में सेना का ऑपरेशन खत्म, तीसरे आतंकी का शव भी बरामद, पांच जवान शहीद

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद चलाया जा रहा सेना का सर्च ऑपरेशन खत्म हो गया है।

Updated on: 01 Jan 2018, 03:47 PM

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर पर आतंकी हमले के बाद चलाया जा रहा सेना का सर्च ऑपरेशन खत्म हो गया है। सेना के अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में मारे गए तीनों आतंकियो के शव बरामद कर लिए गए हैं।

इस हमले में शामिल दो आतंकियों की पहचान हो गई है जबकि तीसरे आतंकी की शिनाख्त होना अभी बाकी है।

कश्मीर में 2003 के बाद यह पहला मौका है जब कोई स्थानीय नागरिक फिदायीन बना है। आतंकियों की पहचान मंजूर अहमद ऊर्फ बाबा और फरदीन अहमद खांडे के रूप में हुई है। आतंकी बाबा पुलवामा का ही रहने वाला था जबकि खांडे त्राल से था।

फरदीन अहमद खांडे के बारे में हैरान करने वाली बात सामने आई है। जिसके अनुसार खांडे के पिता मोहम्मद खांडे जम्मू-कश्मीर पुलिस में ही अफसर हैं।

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फरदीन की उम्र मात्र 17 साल की थी। वह दसवीं का छात्र था। खबरों के अनुसार खांडे महज तीन महीने पहले ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था।

गौरतलब है कि सेना ने बीते वर्षों में तमाम ऐसी प्रोत्साहन योजनाएं चलाई हैं जिससे कश्मीर के युवाओं को आतंक के रास्ते से हटाया जा सके लेकिन स्थानीय आतंकी के फिदायीन बनने के इस खुलासे ने सबकी नींद उड़ा दी है।

आपको बता दें कि आतंकियों ने शनिवार देर रात करीब 2:15 बजे जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की 185वीं बटालयिन के ट्रेनिंग कैप पर हमला कर दिया था। हमले में जवाबी कारवाई के दौरान सेना के पांच जवान शहीद हो गए।

सीआरपीएफ के जनसंपर्क अधिकारी भवनेश ने बताया कि शहीद जवानों मे से 4 जवान की गोलीबारी से और एक जवान की हार्ट अटैक के कारण मौत हुई है।

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आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों में सीआरपीएफ के कॉन्स्टेबल शरीफुद्दीन गनेई, कैप्टन राजेंद्र नैन, कैप्टन प्रदीप कुमार पांडा, इंस्पेक्टर कुलदीप रॉय, हेड कॉन्स्टेबल तुफैल अहमद शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैम्प पर हमला करने वाले तीनों आतंकी भी मारे गए।

इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। आतंकी संगठन का कहना है कि उन्होंने यह हमला कमांडर नूर त्राली की मौत का बदला लेने के लिए किया है।

नूर मोहम्मद तंत्रे उर्फ नूर त्राल, जैश-ए-मोहम्मद का डिविजनल कमांडर था, जिसे 26 दिसंबर को पुलवामा के समबोरा इलाके में हुई मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया था।

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