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अरुण जेटली बोले, कश्मीर मुद्दे पर अलगाववादियों से नहीं होगी बातचीत, पीएम से मिले राज्य के उप-मुख्यमंत्री

जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने निकट भविष्य में अलगाववादियों से बातचीत की किसी संभावना से इनकार कर दिया है।

Updated on: 19 May 2017, 07:06 AM

highlights

  • केंद्र सरकार ने निकट भविष्य में अलगाववादियों से बातचीत की किसी संभावना से किया इनकार
  • रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र निकट भविष्य में अलगाववादियों से किसी तरह की बातचीत नहीं करने जा रहा

New Delhi:

जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने निकट भविष्य में अलगाववादियों से बातचीत की किसी संभावना से इनकार कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर के दो दिनों के दौरे पर गए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'केंद्र सरकार निकट भविष्य में अगलाववादी नेताओं से कोई बातचीत नहीं करेगा।' उन्होंने कहा, 'हमारी प्राथमिकता फिलहाल स्थिति को सुधारने की है।'

इस बीच राज्य के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को राज्य की कानून और व्यवस्था के हालात से अवगत कराया।

इससे पहले भी केंद्र सरकार कश्मीर मसले के समाधान को लेकर अलगाववादी नेताओं से बातचीत की संभावना को खारिज कर चुका है। इससे पहले एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए विदेश राज्य मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने नईम खान जैसे हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं को आईएसआई का पिट्ठू बताते हुए अलगाववादी संगठन पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

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सिंह ने कहा हुर्रियत के नेता सिर्फ अपने परिवारों का और अपनी जेबों का भला चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हुर्रियत के नेताओं से किसी तरह की बातचीत नहीं होनी चाहिए।

सिंह ने कहा कि हुर्रियत को आतंकी संगठन घोषित करने के साथ इस पर बैन लगाने का वक्त आ गया है। 

पिछले साल कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के बाद से घाटी में हालात बेहद विस्फोटक हो चला है।

स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हालिया श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत और महज 7.5 फीसदी वोटिंग से लगाया जा सकता है, जो पिछले 35 सालों में न्यूनतम है।

घाटी के हालात को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। गृह मंत्री से मुलाकात के बाद महबूबा ने तीन महीनों के भीतर राज्य के हालात सुधारने का वादा किया था। इसके बाद कश्मीर के राज्यपाल ने गृह मंत्री से मुलाकात की थी।

इन मुलाकातों के बाद भी राज्य में हालात गंभीर बने हुए हैं। घाटी में बैंक लूटपाट औऱ आतंकी हमलों में आई तेजी के बाद सेना ने करीब दो दशक बाद दक्षिणी कश्मीर के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया था।

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