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पुलवामा जैसे एक और हमले की फिराक में जैश-ए-मोहम्मद, सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले और उसके बाद दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.

Updated on: 07 Mar 2019, 10:07 PM

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले और उसके बाद दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले की तर्ज पर ही दूसरे बड़े हमले की फिराक में है और इसके लिए तैयारी कर रहा हैं. एक तरफ जहां पाकिस्तान आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने का दुनिया के सामने दिखावा कर रहा है वहीं दूसरी तरफ वो भारत के लिए खिलाफ आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की मदद से भारत में एक बार फिर पुलवामा दोहराने की साजिश रच रहा है.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान स्थित यह आतंकी संगठन इस बार भी सुरक्षाबलों को ही निशाना बनाने का षड़यंत्र रच रहा हैं. खुफिया एजेंसियों ने जैश के किसी आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को पहले से कई गुना ज्यादा अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक जैश के आतंकी काजीकुंड और अनंतनाग में आईईडी के जरिए ही सेना और अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जैश के आतंकी आने वाले 3-4 दिनों में इस तरह के आतंकी हमले को अंजाम दे रहे हैं.

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया था. सेना ने एयरस्ट्राइक में मिराज-2000 का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा था कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ कुछ पेड़ ही गिरे हैं.

26 फरवरी की रात को भारतीय वायुसेना के करीब 12 मिराज 2000 फाइटर जेट ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के आतंकी कैंप पर एयरस्ट्राइक कर उसे पूरी तरह बर्बाद कर दिया. जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें साफ तौर पर नजर आ रहा है कि कैंप के इमारत को काफी नुकसान पहुंचा है और जहां बस गिराए गए थे वहां गड्ढा भी हो गया है. एयरफोर्स के इस जवाबी कार्रवाई में करीब 250-300 आतंकी मारे गए. लेकिन वायुसेना के इस कार्रवाई को लेकर देश में ही राजनीति शुरू हो गई और विपक्षी दल सरकार से इसका सबूत मांगने लगे.