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जयपुर : महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना गांधीनगर रेलवे स्टेशन, यहां होंगी सिर्फ महिला कर्मचारी

महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढाते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने जयपुर मंडल के गांधीनगर स्टेशन को पूरी तरह से महिला संचालित स्टेशन बनाया है।

Updated on: 06 Mar 2018, 04:07 PM

नई दिल्ली:

महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढाते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने जयपुर मंडल के गांधीनगर स्टेशन को पूरी तरह से महिला संचालित स्टेशन बनाया है। यह स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है जहां हर एक पोस्ट पर महिला कर्मचारी तैनात की गई हैं।

शहर का गांधीनगर रेलवे स्टेशन अब देश का दूसरा व राजस्थान का पहला ऑल-वुमन रेलवे स्टेशन बन गया है। इससे पहले मुम्बई के माटुंगा को 'ऑल वुमेन स्टेशन' बनाया गया था, लेकिन वह सब-अर्बन रेलवे स्टेशन है।

गांधीनग स्टेशन पर सुपरिटेंडेट से लेकर खलासी (प्वाइंट्समैन) तक और आरपीएफ इंस्पेक्टर से टिकट चैकिंग स्टाफ तक सब महिलाएं ही महिलाएं हैं। यहां महिला रेलकर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

इस रेलवे स्टेशन को कुल 40 महिलाओं की टीम संभालेगी। इनमें से 4 ट्रेन संचालन का काम देखेंगी। वहीं 8 बुकिंग, 6 रिजर्वेशन (आरक्षण), 6 टिकटों की जांच और अनाउंसमेंट और 10 आरपीएफ देखेंगी। बाकी 6 अन्य छोटे काम करेंगी।

ये सभी 8-8 घंटे की तीन शिफ्टों में काम करेंगी। नीलम जाटव गांधीनगर रेलवे स्टेशन की पहली महिला स्टेशन सुपरिंटेंडेंट (एसएस) बनी हैं।

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मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गांधीनगर के आसपास के इलाकों में सबसे ज्यादा कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। जिसके चलते यह जयपुर का एजुकेशन हब है। साथ ही रिहायशी इलाकों से नजदीक भी है। यात्रा करने वालों में स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा हैं। महिला-पुरुष समानता की सोच को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों से बेहतर जरिया नहीं हो सकता। इसलिए गांधीनगर स्टेशन को चुना गया है।

यहां महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सीसीटीवी लगाए गए हैं, जिससे स्टेशन स्थित थाने में रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सके।

जयपुर-दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित जयपुर का यह महत्वपूर्ण स्टेशन है। यहां से प्रतिदिन लगभग 50 रेलगाड़ियां गुजरती है, जिनमें से 25 रेलगाड़ियां यहां रुकती हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी तरुण जैन बताया कि लगभग 7 हजार यात्री हर दिन गांधीनगर स्टेशन से आवाजाही करते है।

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