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चीनी सीमा पर ITBP को चौकसी के लिए दी जाएगी ख़ास मशीन, हाईटेक होगी सेना

भारत के नए फ़ैसले से आईटीबीपी अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी तेज़ी से अपना काम कर सकेगा।

Updated on: 16 Oct 2017, 03:52 AM

नई दिल्ली:

डोकलाम विवाद से सबक लेते हुए भारत 50 साल में पहली बार सिनो-इंडिया बॉर्डर पर आईटीबीपी (इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस ) को ख़ास तरह की मशीनों से लैस करेगा।

यानी कि भारत बॉर्डर के इलाक़ों में आईटीबीपी को और ताकतवर बनाने की तैयारी कर रहा है। भारत के नए फ़ैसले से आईटीबीपी अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी तेज़ी से अपना काम कर सकेगा।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही गृह मंत्रालय ने ज़्यादा उंचाई वाले इलाकों में आईटीबीपी को स्नो स्कूटर देने के फ़ैसले को मंजूरी दी है।

मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक सेना के मैकेनाइज्ड कॉलम में 250 से अधिक एसयूवी (स्पोर्ट्स युटिलिटी वीइकल), एटीवी, स्नो स्कूटर, एक्सावेटर्स और कुछ महत्वपूर्ण मशीनें शामिल होगी।

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अधिकारी ने कहा, 'आईटीबीपी में एक मैकेनाइज्ड कॉलम होना जरूरी है क्योंकि यही फोर्स संघर्ष की स्थिति में सबसे पहले हमले का सामना करेगी। अभी सिर्फ भारत-पाक सीमा की रक्षा करने वाली बीएसएफ के पास कुछ स्तर तक की हाई लेवल मशीनें हैं।'

अधिकारियों के मुताबिक आने वाले कुछ महीनों में कुछ अन्य वाहन और मशीनें भी दिए जाएंगे। बताया जाता है कि कुछ समय पहले ही फोर्स के हेडक्वॉर्टर ने इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के लिए फुल मैकेनाइज्ड कॉलम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था।

जिसके बाद से अब तक आईटीबीपी को अधिका उंचाई वाले इलाकों के लिए 150 एसयूवी में से करीब 60 गाड़ियां, 6 स्नो स्कूटर दिए गए हैं। बता दें कि फोर्स की 30 चौकियां 15 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं और 50 चौकियां 12 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं।

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