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GST दर में बदलाव को चुनाव से जोड़ना 'बचकानी राजनीति': अरुण जेटली

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब में बदलाव को गुजरात विधानसभा चुनाव से जोड़े जाने को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'बचकानी राजनीति' करार दिया है।

Updated on: 14 Nov 2017, 11:21 AM

highlights

  • वस्तुओं पर जीएसटी स्लैब में बदलाव को राजनीति से जोड़ने पर जेटली बोले- यह 'बचकानी राजनीति' है
  • जेटली ने कहा, दरों को आसान बनाए जाने का काम तीन चार महीने से चल रहा था
  • 10 नवंबर को जीएसटी परिषद ने 178 वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर 18 फीसदी कर दिया था

नई दिल्ली:

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब में बदलाव को गुजरात विधानसभा चुनाव से जोड़े जाने को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'बचकानी राजनीति' करार दिया है।

कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि चुनाव से ठीक पहले 178 वस्तुओं के जीएसटी स्लैब में बदलाव राजनीति से प्ररित है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 'उक्त दरों को आसान बनाए जाने का काम तीन चार महीने से चल रहा था और इसे किसी चुनाव या किसी राजनीतिक मांग से जोड़ना बचकानी राजनीति है।'

10 नवंबर को जीएसटी परिषद ने 178 वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर 18 फीसदी कर दिया था। पहले इन वस्तुओं को 28 फीसदी के कर दायरे में रखा गया था। वहीं, सभी रेस्तरां जोकि पांच सितारा होटल से बाहर हैं, उन पर कर की दर 5 फीसदी तय कर दी गई थी।

गुजरात विधानसभा चुनाव में जीएसटी और नोटबंदी बड़ा मुद्दा रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हर रैलियों में जीएसटी के जटिल होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं।

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उन्होंने सोमवार को गुजरात के बेचराजी में कहा, 'नोटबंदी और जीएसटी का कठोर कदम 12 बजे रात लागू किया गया था और गब्बर सिंह भी आधी रात को ग्रामीणों पर हमला करता था।'

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने 11 नवंबर को कहा था, 'यह अच्छी बात है कि कांग्रेस और देश के लोगों ने भाजपा सरकार पर दबाव बनाया, जिसके चलते कई वस्तुओं को 28 फीसदी कर के दायरे से निकालकर कर 18 फीसदी कर के दायरे में शामिल किया गया।'

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