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26/11 जैसे हमलों को रोकने के लिए ISRO की मदद से तटीय सीमा की होगी सुरक्षा- गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही इसरो उपग्रह इमेजेज का इस्तेमाल समुद्री तटों की सुरक्षा और संदिग्ध जहाजों और नौकाओं की निगरानी के लिए किया जाएगा।

Updated on: 25 Nov 2017, 10:11 AM

नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही इसरो उपग्रह इमेजेज का इस्तेमाल समुद्री तटों की सुरक्षा और संदिग्ध जहाजों और नौकाओं की निगरानी के लिए किया जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तटीय सुरक्षा के तहत अगले साल मार्च से 1000 ट्रांसपोर्डर प्रदान करेगा, जिसकी मद्द से 26/11 जैसे मुम्बई आतंकवादी हमलों को विफल किया जा सके।

गृह मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार 20 मीटर तक की नावों के लिए सेटेलाइट से निगरानी का प्रस्ताव रखा गया है।

आपको बता दें कि भारत ने मुम्बई में 2008 के आतंकवादी हमले के बाद से अपनी तटीय सुरक्षा कड़ी कर दी है। 26/11 हमले के दौरान पाकिस्तान से 10 आतंकवादी अरब सागर से मुम्बई में घुसे थे। इस हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी।

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अब तक 19.74 लाख मछुआरों को बायोमैट्रिक पहचान पत्र के तहत पंजीकृत करा चुके हैं जिनमें से 18.60 लाख को पहचान पत्र दिया जा चुका है।

अधिकारी के अनुसार नौकाओं की निगरानी के लिए 20 मीटर से अधिक लंबी नौकाओं पर ऑटो ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। जबकि गहरे समुद्र और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा पर आसानी से निगरानी के लिए तटीय राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश नौकाओं पर कलर कोडिंग कर रहे हैं।

भारत में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल और दमन और दीव, लक्षद्वीप, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के संघ शासित प्रदेशों के माध्यम से 7,516 किलोमीटर लंबी दूरी पर समुद्र तट है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'इंटरनेशनल मरीनटाइम में सीमा रेखा के उल्लंघन से निपटने के लिए और गैर-प्रमुख बंदरगाहों और सिंगल पॉइंट मूरिंग सुविधाओं में सुरक्षा के उन्नयन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) विकसित की गईं थी।'

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