logo-image

इसरो साल 2022 से पहले अपना अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है: ISRO चीफ के सिवन

ISRO चीफ के सिवन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि, 'हम भारत के लिए एक स्पेस स्टेशन, अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की योजना बना रहे हैं.

Updated on: 14 Jun 2019, 06:16 AM

highlights

  • इसरो लांच करेगा पहला मानव मिशन
  • साल 20122 से पहले करेगा लांच
  • ISRO चीफ ने कहा भारत के लिए स्पेस स्टेशन बनाएंगे

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन ने गुरुवार को यहां कहा कि भारत अपना अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है. अंतरिक्ष केंद्र का वजन करीब 20 टन होने का अनुमान है और यह अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन, गगनयान मिशन का विस्तार होगा. सिवन ने संवाददाताओं से कहा, "गगनयान के 2022 में पूरी तरह सफल होने के बाद अगले पांच-सात सालों के दौरान भारत अपना अलग अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करेगा." उन्होंने कहा, "अंतरिक्ष केंद्र का उपयोग संभवतया सूक्ष्म गुरुत्व परीक्षण करने के लिए किया जाएगा."

इसरो प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष केंद्र की आरंभिक योजना अंतरिक्ष में अंतरिक्षयात्रियों को 15-20 दिनों तक ठहराने के लिए है, लेकिन इस संबंध में विशेष ब्योरा गगनयान के पूरे होने के बाद आएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस परियोजना के लिए किसी अन्य देश से कोई सहयोग नहीं लिया जाएगा. अंतरिक्ष केंद्र अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन और कुछ देशों के एक समूह के पास है, जिनका अपना अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र है. सिवन ने यह भी बताया कि इसरो सूर्य और शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए दो अन्य मिशन लांच करने की योजना बना रहा है. सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन 2020 के प्रारंभ में लांच किया जाएगा और शुक्र ग्रह का अध्ययन करने के लिए 2023 में मिशन की शुरुआत की जाएगी.

स्क्रीनिंग और सेलेक्शन की पूरी प्रकिया आगामी दो महीनों में पूरी होगी. इसके बाद इसरो इन 10 सदस्यों में से 3 को चुनेगा जो अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों को वापस लौटने के लिए इसरो ने ह्यूमन कैप्सूल बनाया है. इसी कैप्सूल में बैठकर वे पृथ्वी पर वापस आएंगे. कैप्सूल की लैंडिंग समुद्र में होगी. फिर भारतीय नौसेना कैप्सूल को रिकवर करेगी.

वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Union Minister Jitendra Singh) ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में बताया है कि गगनयान (Gaganyan) राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की निगरानी में भारत के आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इसरो (ISRO) अपने पहले मानव मिशन को अंतरिक्ष में भेजने का संकल्प लिया है. आपको बता दें कि साल 2022 में भारत की आजादी को 75 साल पूरे हो रहे हैं. जिसकी योजना और तैयारी की निगरानी के लिए विशेष सेल (Special Cell) बनाई गई है.

केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि चंद्रयान-2 को 15 जुलाई, 2019 को लांच किया जाएगा. यह सितंबर में शुरू होगा इसे एक रोवर के माध्यम से भेजा जाएगा यह चंद्रयान-1 का विस्तार होगा.