मोदी सरकार ने कहा, खालिस्तान आंदोलन को फिर जिंदा करने में जुटा ISI
गृह मंत्रालय का मानना है कि इस कोशिश में आईएसआई का निशाना भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे इलाके के लोग भी हैं। जिन्हें खुफिया एजेंसी भारत के खिलाफ भड़काने में लगा है।
नई दिल्ली:
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) पंजाब में भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। बुधवार को सरकार ने राज्यसभा में बताया कि आईएसआई खालिस्तान को वित्तीय और नैतिक सहायता देकर पुनर्जीवित करना चाहता है।
गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने प्रश्न काल में एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ पाकिस्तानी जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी गतिविधियों के लिए रकम उपलब्ध करा रहे हैं।
अहीर ने कहा, 'कई ऐसे इनपुट मिले हैं जो इशारा करते हैं कि आईएसआई के ऑपरेटिव खालिस्तान के आतंकवादियों को वापस से सक्रिय करने में और उनकी गतिविधियों बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।'
गृह मंत्रालय का मानना है कि इस कोशिश में आईएसआई का निशाना भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे इलाके के लोग भी हैं। जिन्हें खुफिया एजेंसी भारत के खिलाफ भड़काने में लगा है।
पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा था कि राज्य में खालिस्तानी तत्वों को दोबारा खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही कहा कि इन तत्वों को पाकिस्तान की आईएसआई का सहयोग मिल रहा है।
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आपको बता दें कि 1980 के दशक में पंजाब से अलग एक अलग देश खालिस्तान के लिए आंदोलन जोरों पर थी जिसे विदेशों में रहने वाले कुछ सिख वित्तीय और नैतिक समर्थन हासिल था। लेकिन भारत सरकार ने 1984 में सैन्य अभियान चलाकर खालिस्तान आंदोलन को खत्म कर दिया था।
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