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बिहार: इराक से लाए गए अवशेष को परिजनों ने लेने से मना किया, सरकार से मुआवजे की मांग

बिहार के पांच लोगों के अवशेष सोमवार देर रात सिवान पहुंचने पर दो परिवारो ने शवों को लेने से इंकार कर दिया और राज्य सरकार से वित्तीय सहायता की मांग की।

Updated on: 03 Apr 2018, 08:29 AM

highlights

  • इराक में मारे गए 39 भारतीयों में बिहार के पांच थे
  • दो परिवारों ने सरकार से की मुआवजे की मांग
  • एक अन्य व्यक्ति राजू यादव का अवशेष इराक से लाना बांकी है

पटना:

इराक में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल में मारे गए 38 भारतीयों के अवशेष सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह भारत लेकर आए।

इनमें बिहार के पांच लोगों के अवशेष सोमवार देर रात सिवान पहुंचने पर दो परिवारों ने शवों को लेने से इंकार कर दिया और राज्य सरकार से वित्तीय सहायता की मांग की।

साल 2014 में इराक के मोसुल शहर में आईएस आतंकियों द्वारा मारे गए 39 भारतीयों में बिहार के सिवान जिले के अदालत सिंह और सुनील सिंह भी थे।

अदालत सिंह के परिवार के एक सदस्य ने कहा, 'उसकी एक पत्नी है, छोटे बच्चे हैं और मां-बाप हैं इसलिए परिवार को मुआवजे की जरूरत है। जब तक हमें बिहार सरकार से मुआवजे का आश्वासन नहीं मिल जाता हम शव को घर में नहीं लाएंगे।'

इसी तरह सुनील सिंह की पत्नी पूनम देवी ने भी अपनी मांग रखते हुए कहा, 'वह अकेला पैसे कमाने वाला था और मैं अपने बच्चों के लिए रोजगार चाहती हूं।'

सिवान के जिलाधिकारी ने कहा, 'हम परिवारवालों से बात करके उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे। उन्हें नियम के हिसाब से हरसंभव सहायता पहुंचायी जाएगी। उनकी मांगें अगर कानून से परे हो तो हम इस वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखेंगे।'

सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने पांचों मृत युवक के अवशेषों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया।

दो अन्य मृतकों विद्याभूषण तिवारी और संतोष सिंह के परिजन उनकी अवशेषों को लेने नहीं पहुंचे। वहीं एक अन्य व्यक्ति राजू यादव का अवशेष इराक से लाना बांकी है क्योंकि उसकी जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।

वहीं मृतक भारतीयों के अवशेषों को लेकर अमृतसर पहुंचे वी के सिंह ने मीडिया के मुआवजा देने को लेकर पूछे गए सवाल पर अटपटा बयान दिया। मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने के सवाल पर सिंह ने कहा कि ये बिस्किट बांटने वाला काम नहीं है।

उन्होंने कहा- 'ये बिस्किट बांटने वाला काम नहीं है, ये आदमियों की जिंदगी का सवाल है। आ गई बात समझ में? मैं अभी ऐलान कहां से करूं? जेब में कोई पिटारा थोड़ी रखा हुआ है।'

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सोमवार को सबसे पहले 38 भारतीयों के अवशेष के साथ वी के सिंह अमृतसर में वायुसेना के विशेष विमान से लैंड किए और पंजाब के 27 मृतकों के शव को परिजनों को सौंपा।

मोसुल में मारे गए लोगों में 27 पंजाब के, बिहार के छह, चार हिमाचल प्रदेश के और पश्चिम बंगाल के लोग थे। बताया गया कि ये सभी मजदूर थे और इन्हें मोसुल में इराक की एक कंपनी में नियुक्त किया गया था।

साल 2014 में जब आईएस ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को अपने कब्जे में लिया था, तब इन भारतीयों को बंधक बना लिया गया था।

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