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INX मीडिया केस : पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ाई गई, 24 जनवरी को अगली सुनवाई

प्रवर्तन निदेशालय चिदंबरम द्वारा INX मीडिया धनशोधन मामले में 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के मामले में उनकी भूमिका की जांच कर रहा है.

Updated on: 15 Jan 2019, 04:14 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाई कोर्ट ने INX मीडिया धनशोधन मामले में में मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा 24 जनवरी तक बढ़ा दी. मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी. हाई कोर्ट चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पिछली सुनवाई के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर रोक को 15 जनवरी तक बढ़ा दिया था. चिदंबरम ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तारी से राहत का आग्रह किया था.

प्रवर्तन निदेशालय चिदंबरम द्वारा INX मीडिया धनशोधन मामले में 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के मामले में उनकी भूमिका की जांच कर रहा है. इस मामले को लेकर 7 जनवरी को भी ईडी ने चिंदबरम से पूछताछ की थी.

इससे पहले चिदंबरम से वित्तीय जांच एजेंसी ने पहली बार मामले में 19 दिसंबर को 8 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर एक पीएमएलए का मामला दर्ज किया है और आरोप लगाया था कि INX मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने में एफआईपीबी की मंजूरी में अनियमितता की गई है. इस दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम थे.

ईडी और सीबीआई यह भी जांच कर रही हैं कि कैसे यूपीए सरकार के मंत्री पी. चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम एफआईपीबी की मंजूरी प्राप्त करने में कामयाब रहे. ईडी की अबतक की जांच से पता चला है कि एफआईपीबी की मंजूरी के लिए आईएनएक्स मीडिया के पीटर व इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी, ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी न हो.

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ईडी ने कहा है कि इस तरह से जो रुपया संबंधित निकायों को मिला, वह गैरकानूनी रूप से एएससीपीएल में लगा दिया गया. ईडी ने कार्ति चिदंबरम की 54 करोड़ रुपये की संपत्ति और मामले से जुड़ी एक कंपनी को कुर्क किया है. ईडी ने इसी से जुड़े मामले में मुखर्जी की संपत्तियों को भी कुर्क किया है.

हाई कोर्ट ने 25 जुलाई को उन्हें अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 29 नवंबर कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कैसे चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी दिलाने का प्रबंध किया था.

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कार्ति को कथित रूप से आईएनएक्स मीडिया को 2007 (उस समय पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे) में एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. कार्ति को बाद में जमानत दे दी गई थी.

(IANS इनपुट्स के साथ)