घिरेगा चीन, PM मोदी ने कहा, हिंद-प्रशान्त क्षेत्र भारत के भविष्य के लिये अपरिहार्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और आसियान मजबूत पकड़ रखते हैं, जोकि 'भारत के भविष्य और हमारे साझा भाग्य के लिए अपरिहार्य है।'
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और आसियान मजबूत पकड़ रखते हैं, जोकि 'भारत के भविष्य और हमारे साझा भाग्य के लिए अपरिहार्य है।'
मोदी ने कहा, 'भारतीयों ने पूरब की तरफ हमेशा एक पोषण करने वाले सूर्योदय और प्रकाश के अवसरों के लिये देखा है। अब, पहले की ही तरह, पूरब या हिंद-प्रशान्त क्षेत्र भारत के भविष्य और हमारी साझा नियति के लिये अपरिहार्य है। आसियान-भारत साझेदारी इन दोनों के लिये ही एक निर्णायक भूमिका अदा करेगी।'
प्रधानमंत्री ने 10 आसियान देशों के 27 विभिन्न अखबारों में प्रकाशित एक लेख में यह बात कही है। इस लेख का आसियान के 10 देशों में 10 भाषाओं में अनुवाद हुआ है। इन 10 आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत के 69वें गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि के तौर पर शुक्रवार को यहां शामिल हुए।
इस बीच, दिल्ली में आसियान (थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई, लाओस, म्यांमार, कंबोडिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम शामिल हैं) और भारत दोनों ने ही अपने भविष्य की यात्रा के लिये अपने संकल्प को दोहराया है।
मोदी ने अपने लेख में कहा है कि भारत और आसियान देशों के पास 'आधारभूत संरचना और शहरीकरण से लेकर लचीली कृषि व्यवस्था व एक स्वस्थ पृथ्वी जैसे हमारे समय की चुनौतियों से निपटने और उच्च्च महत्वाकांक्षा को पूरा करने की क्षमता मौजूद है।'
मोदी ने कहा, 'आसियान-भारत की साझेदारी दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। दिल्ली में, आसियान और भारत ने फिर से आगे की यात्रा के लिए शपथ लिया है।'
ध्यान रहे कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। वियतनाम, मलेशिया, फिलिपींस और ब्रूनेई लगभग समूचे जलमार्ग पर चीन के दावों पर सवाल उठाते रहे हैं।
और पढ़ें: डोकलाम पर चीन को भारत की खरी-खरी, पहले जैसी स्थिति बनाए रखे पड़ोसी
मोदी ने कहा कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में 10 आसियान देशों के नेताओं की मेजबानी केवल 'कोई साधारण समारोह नहीं है', बल्कि भारत और आसियान देशों को करीब लाने के लिए 'इन देशों के 190 करोड़ लोगों के बीच मजबूत साझेदारी के लिए महान वादा है।'
उन्होंने कहा कि भारत अपने 10 पूर्वी पड़ोसी देशों के साथ एक दृष्टिकोण साझा करता है, जो 'समावेशी और एकजुटता की बचनबद्धता पर विकसित हुआ है, यह दृष्टिकोण आकार से परे सभी देशों की संप्रभुता में विश्वास करता है, और व्यापार व आदान-प्रदान के मुक्त और खुले रास्ते का समर्थन करता है।'
और पढ़ें: राष्ट्रपति के भोज एट होम में कांग्रेस नेता खड़गे को नहीं मिला निमंत्रण
(इनपुट IANS से भी)
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर