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सर्दियों में होने वाले रेल हादसों पर लगेगी लगाम, इंजनों में लगाए जा रहे हैं ये खास डिवाइस

घने कोहरे में ट्रेन की तेज गति के दौरान ड्राइवर को क्रासिंग, स्टेशन या रेड लाइट नज़र नही आती.

Updated on: 21 Dec 2018, 11:27 AM

हल्द्वानी:

उत्तर भारत में सर्दियां अपने चरम पर है. लिहाजा भारत की उत्तरी इलाके कोहरे की चादर में लिपट चुके हैं. सर्दियों में इन दिनों कोहरे की वजह से ट्रेनें अक्सर लेट हो जाती हैं. यही नहीं कई बार तो घने कोहरे और धुंध के कारण ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाती हैं. इन्हीं खतरों से निजात पाने के लिए हलद्वानी से चलने वाली सभी ट्रेनों में इस बार फॉग डिवाइस का प्रयोग किया जा रहा है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन में करीब 18 फॉग डिवाइस आए हैं जो ट्रेन के पायलट और लोको पायलट को दिए जा रहे हैं.

फॉग डिवाइस जीपीएस प्रणाली पर आधारित है, जिसे ट्रेन ड्राइवर रेल चलाते वक़्त अपने सामने रख देते हैं. आमतौर पर घने कोहरे में ट्रेन की तेज गति के दौरान ड्राइवर को क्रासिंग, स्टेशन या रेड लाइट नज़र नही आती. यह डिवाइस कोहरे की जानकारी तो नही देगा लेकिन न्यूनतम विजिबिलिटी में स्क्रीन पर रेड लाइट, स्टेशन और क्रासिंग के बारे में सटीक जानकारी दे देगा. जिससे चालक घने कोहरे में अपनी गति पर नियंत्रण रख सकेंगे और हादसों से बचा जा सकेगा.

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अधिकारियों के मुताबिक जीपीएस प्रणाली पर आधारित फॉग डिवाइस हर सिग्नल की दूरी की जानकारी ट्रेन के ड्राइवर को देगा. इससे ड्राइवर को सबसे बड़ी सुविधा स्पीड कंट्रोल करने में हो रही है, दरअसल सबसे ज्यादा असुविधा काठगोदाम स्टेशन से चलने वाली ट्रेन के ड्राइवरों को होती है. जब दिसम्बर-जनवरी के माह में घना कोहरा होता है और विज़िबिलिटी लगभग शून्य हो जाती है.

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ट्रेनों में फॉग डिवाइस इंस्टॉल होने से एक बात तो तय है कि ट्रेन कोहरे में भले ही लेट होती रह जाए लेकिन विजिबिलिटी शून्य होने से तेज़ गति पर क्रासिंग, रेड सिग्नल पर होने वाली दुर्घटना पर लगाम लगाई जा सकती है.