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भारत ने श्रीलंका से लगती तटीय सीमा पर हाई अलर्ट घोषित किया, गोवा में चर्च के बाहर सुरक्षा बढ़ी

भारत में सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए तटरक्षक दलों को न सिर्फ चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, बल्कि तटीय सीमा से लगे कई शहरों में भी सुरक्षा बढ़ा दी है.

Updated on: 22 Apr 2019, 04:13 PM

नई दिल्ली.:

श्रीलंका में श्रंखलाबद्ध बम धमाकों (Srilanka Serial Blasts) के बाद भारत सरकार भी कई मोर्चों पर सक्रिय हो गई है. एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. दूसरी तरफ ऐहितियात बरतते हुए सुरक्षा संबंधी कई कदम उठाए हैं. इनमें भी सबसे प्रमुख है श्रीलंका से लगती तटीय सीमा पर हाई अलर्ट जारी करना. एक अहम निर्णय लेते हुए तटरक्षक दलों को न सिर्फ चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, बल्कि तटीय सीमा से लगे कई शहरों में भी सुरक्षा बढ़ा दी है.

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भारतीय तटरक्षक दल के शीर्ष सूत्रों से मिली जानकारी के अनसार श्रीलंका में रविवार को आत्मघाती धमाकों की सूचना और खुफिया इनपुट के बाद भारत ने सोमवार को श्रीलंका से लगती तटीय सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है. डोर्नियर विमानों युक्त टोही जहाजों को समुद्र जल सीमा पर तैनात कर दिया गया है. यह एहितियाती कदम उन खुफिया जानकारी के बाद उठाए गए हैं कि श्रीलंका में धमाकों का षड्यंत्र रचने वाले भागने के लिए भारतीय समुद्री सीमा का उपयोग कर सकते हैं.

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सिर्फ यही नहीं, समुद्री सीमा से लगे शहरों खासकर गोवा में भी चर्च के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. गौरतलब है कि श्रीलंका में चर्च के अलावा उन होटलों को निशाना बनाया गया, जिनका पर्यटन के लिहाज से खासा नाम था. ऐसे में और मुंबई हमलों से सबक लेते हुए समुद्री सीमा से लगते उन शहरों की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जो पर्यटन के लिहाज से खासे अहम हैं. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने खुद राज्य के आला पुलिस अधिकारियों से बात कर जरूरी एहितियाती कदम उठाने को कहा है.

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गौरतलब है कि श्रीलंका के श्रंखलाबद्ध धमाकों के पीछे जिस आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात का नाम आ रहा है. खुफिया सूत्रों और सामरिक मामलों के विशषज्ञ ब्रहमा चेलानी के मुताबिक इस संगठन के तार भारत के तमिलनाडु राज्य से भी जुड़ते हैं. यह खासा सक्रिय संगठन है, जिसका हाल में इस्लामिक कट्टरवाद की तरफ झुकाव बढ़ा है. ऐसे में लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार और खुफिया तंत्र किसी किस्म का जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं.