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दो मोर्चों पर एक साथ लड़ने के लिए IAF तैयार, पाकिस्तान और चीन सीमा पर सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

पाकिस्तान से लगे पश्चिमी सीमा पर भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े एयर कॉम्बेट ऑपरेशन के बाद भारत ने उत्तर पूर्व में भी अपने फाइटर जेट को भेजना शुरू किया है।

Updated on: 17 Apr 2018, 03:32 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान से लगे पश्चिमी सीमा पर भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े एयर कॉम्बेट ऑपरेशन के बाद भारत ने उत्तर पूर्व में भी अपने फाइटर जेट को भेजना शुरू किया है।

चीन के बार-बार घुसपैठ के बीच अरुणाचल प्रदेश के हिस्से में भारतीय वायुसेना अपनी ताकत बढ़ा रही है जिससे किसी भी युद्ध की परिस्थिति में भारत दोनों छोड़ (पाकिस्तान और चीन सीमा) पर संभावित खतरे से निपटने में सक्षम होगा।

वायुसेना का यह अभ्यास 'गगन शक्ति 2018' के नाम से किया जा रहा है जो 10 अप्रैल से शुरू हुई थी और 23 अप्रैल तक चलने वाली है। पाकिस्तानी सीमा पर भारतीय वायुसेना ने अब तक करीब 5,000 उड़ानें भर चुकी है।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एयरफोर्स स्टेशन पर यह कॉम्बेट ऑपरेशन किया जा रहा है।

भारतीय वायुसेना का यह सबसे बड़ा अभ्यास है, जिसमें पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए 1100 से ज्यादा लड़ाकू, परिवहन और रोटरी विंग (हेलिकॉप्टर) एयरक्राफ्ट शामिल किया गया है।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा, 'भारतीय वायुसेना ने अभूतपूर्व सेवाक्षमता के स्तर को हासिल कर लिया है और इसके 80 फीसदी फाइटर एयरक्राफ्ट अभ्यास में शामिल हैं।'

वायुसेना ने एक बयान में कहा, 'इस अभ्यास का मकसद एक खास समय और युद्ध जैसे हालातों में एक साथ वायुसेना की कार्रवाई और उसको तैनात किए जाने की कोशिश है।'

भारत को दोनों सीमा पर निपटने के लिए कम से कम 42 फाइटर स्क्वाड्रोन्स की जरूरत है, लेकिन वायुसेना के पास अभी 31 हैं जिससे अभ्यास कर वह खुद को मजबूत कर रही है।

बता दें कि पहली बार सीमा पर लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस भी अभ्यास में हिस्सा ले रहा है और साथ ही नेवी का मेरीटाइम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट मिग-29 भी भाग ले रहा है।

गगन शक्ति अभ्यास में 300 अधिकारियों के साथ 15,000 एयर वारियर्स हिस्सा ले रहे हैं। इसमें आर्मी और नौसेना भी भाग ले रही है।

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