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अकुला-2 सबमरीन पर भारत-रूस के बीच समझौता, जानें सबमरीन क्यों है खास

भारत ने रूस के साथ मिलकर अकुला-2 क्लास की परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बी का समझौता किया है। इस बात की पुष्टी रूस की पत्रिका वीडोमोस्टी ने की है।

Updated on: 19 Oct 2016, 01:19 PM

नई दिल्ली:

भारत और रूस के बीच भारतीय नौसेना के लिए अकुला-2 क्लास की परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बी का समझौता किया है। इस बात की पुष्टी रूस की पत्रिका वीडोमोस्टी ने की है। दोनों देशों के बीच इस डील पर हस्ताक्षर गोवा में ही हुआ था लेकिन भारत सरकार ने इस बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी।

वीडोमोस्टी पत्रिका के स्तंभकार एलेक्जी निकोल्स्की ने बताया है कि रूस के रक्षा उद्योग के सूत्रों के अनुसार, मल्टी परपस प्रोजेक्ट 971 परमाणु पनडुब्बी को लीज पर देने के लिए रूसी नौसेना ने भारत के साथ गोवा में समझौता किया है।

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वर्ष 2011 से भारत रूस की परमाणु शक्ति संपन्न अकुला-2 पनडुब्बी का प्रयोग कर रहा है। 10 साल के लिए लीज पर आई इस पनडुब्बी का कार्यकाल खत्म होने जा रहा था ऐसे में भारत को दूसरी पनडुब्बी की जरूरत थी जिसे देखते हुए दोनों देशों ने इस करार पर हस्ताक्षर किए।

अकुला-2 की क्षमता

  • -> इस पनडुब्बी का वजन 8140 टन है
  • -> पनडुब्बी 100 दिनों तक लगातार समुद्र के अंदर रह सकती है
  • -> 5 समुद्री मील की गति से चलने वाली यह पनडुब्बी युद्धपोत नाशक और पनडुब्बी नाशक टारपीडो से लैस होगी
  • -> लड़ाकू विमानों से रक्षा के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से होगी लैस