भारत और दक्षिण कोरिया ने किए 11 समझौते, बढ़ाएंगे आर्थिक साझेदारी
भारत और दक्षिण कोरिया ने अपनी समग्र आर्थिक साझेदारी सीईपीए को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
ऩई दिल्ली:
भारत और दक्षिण कोरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के नेतृत्व में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में अपनी समग्र आर्थिक साझेदारी(सीईपीए) को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
इस दौरान भारत और दक्षिण कोरिया ने व्यापार, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक व तकनीकी सहयोग क्षेत्र समेत 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
मोदी ने बैठक के बाद मून के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'हमने अर्ली हार्वेस्ट पैकेज के तहत हमारी समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमारे रिश्ते के भविष्य और दुनिया में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखते हुए, हमने एक नवाचार सहयोग केंद्र स्थापित करने और एक भविष्य रणनीति समूह गठित करने का निर्णय लिया है।'
तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के दक्षिण कोरिया के दौरे के बाद, दोनों देशों के बीच 2010 में सीईपीए का संचालन शुरू हुआ था।
इसके बाद, दोनों देशों के बीच 2011 में द्विपक्षीय व्यापार 20.5 अरब डॉलर को पार कर गया था। दो वर्ष के अंतराल में ही दोनों देशों के बीच 70 प्रतिशत व्यापार की वृद्धि दर्ज की गई।
इसे भी पढ़ें: भारी बारिश से मुंबई जलमग्न, लोकल से लेकर रास्ते तक पानी में डूबे
हालांकि 2014-15 से द्विपक्षीय व्यापार में गिरावट दर्ज की गई। इस वर्ष द्विपक्षीय व्यापार 18.13 अरब डॉलर, 2015-16 में 16.56 अरब डॉलर, 2016-17 में 16.82 अरब डॉलर दर्ज किया गया। 2017 के पहले सात माह में हालांकि व्यापार में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
मोदी ने कोरियाई कंपनियों की भारत में न सिर्फ निवेश करने के लिए, बल्कि मेक इन इंडिया पहल के तहत रोजगार सृजन करने के लिए सराहना की।
उन्होंने कहा, 'कोरियाई कंपनियां अपने उत्पादों की गुणवत्ता की वजह से भारत के घर-घर में लोकप्रिय हो गई हैं।'
इसे भी पढ़ें: शोपियां में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को किया ढेर, 22 घायल
मंगलवार को वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए एक दृष्टि-पत्र जारी किया।
मोदी ने कहा, 'हमारा उद्देश्य हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना है। आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।'
भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों को 2015 में मोदी की यात्रा के दौरान एक विशेष रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया के साथ संबंध बढ़ाने के उद्देश्य वाली भारत की एक्ट ईस्ट नीति और राष्ट्रपति मून की नई दक्षिणी नीति के बीच स्वाभाविक समानता है।
मून ने कहा कि हम नई दक्षिणी नीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें सहयोग के लिए दक्षिण कोरिया भारत को प्रमुख साझेदार बनाना चाहता है।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने कहा, 'दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे देश भेज कर, हम अपने पारस्परिक समझ के क्षेत्र को बढ़ाना चाहते हैं।'
मून ने कहा, 'हम रोजाना आधार पर पारस्परिक सम्मेलन स्तर की वार्ता और दोनों देशों के बीच उच्च स्तर के मंत्रणा के लिए सहमत हुए हैं।'
मोदी ने कोरियाई प्रायद्वीप में मून के मौजूदा शांति प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, 'हमारी आज की वार्ता में, मैंने उनसे कहा कि पूर्वी और दक्षिण एशिया के लिए प्रसार संबंध(प्रोलिफेरेशन लिंक) भारत के लिए चिंता का सबब है। इसलिए भारत भी इस शांति प्रक्रिया की सफलता में हितधारक है।'
भारत और दक्षिण कोरिया ने विभिन्न क्षेत्रों में सात समझौता ज्ञापन(एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इसे भी पढ़ें: कश्मीर पर भारत के खिलाफ UN की रिपोर्ट तैयार करने में पाकिस्तान का हाथ!
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: दिल्ली के प्राचीन हनुमान मंदिर में आज लगी है जबरदस्त भीड़, जानें इसका इतिहास
-
Jyotish Upay: आधी रात में भूत-प्रेत के डर से बचने के लिए मंत्र और उपाय
-
Hanuman Jayanti 2024 Wishes: आज हनुमान जयंती की पूजा के ये हैं 3 शुभ मुहूर्त, इन शुभ संदेशों के साथ करें सबको विश
-
Maa Laxmi Upay: देवी लक्ष्मी की चैत्र पूर्णिमा की रात करें ये उपाय, पाएं धन-वैभव और समृद्धि