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ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिकी पाबंदी के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने दिया ये बयान

व्हाइट हाउस ने कहा कि ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और तुर्की को मिल रही छूट को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. छूट की समय-सीमा दो मई को समाप्त हो रही है.

Updated on: 23 Apr 2019, 03:33 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका द्वारा ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को मिली छूट की समय सीमा नहीं बढ़ाने के अमेरिका के एलान के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोमवार को कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया. ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 74 डॉलर के ऊपर चला गया और डब्ल्यूटीआई का भाव भी 65 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी से भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल का भाव तीन फीसदी से ज्यादा उछला. व्हाइट हाउस की ओर से सोमवार को कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फैसला लिया है कि भारत समेत पांच प्रमुख देशों को अब ईरान से तेल आयात करने की छूट नहीं मिलेगी.

व्हाइट हाउस ने कहा कि ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और तुर्की को मिल रही छूट को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. छूट की समय-सीमा दो मई को समाप्त हो रही है.

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वहीं अमेरिका के इस फैसले के बाद भारत ने कहा है कि वह अपनी कच्चे तेल की भरपाई बड़े तेल उत्पादक देशों से आयात बढ़ाकर करेगा. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर ईरान से तेल आयात रुकने पर होने वाली कमी की भरपाई की योजना बताई.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सरकार ने भारतीय रिफाइनरियों को पर्याप्त मात्रा में कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी योजना बनाई है. दूसरे बड़े तेल उत्पादक देशों से अतिरिक्त आपूर्ति होगी. भारतीय रिफाइनरियां देश में पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की मांग पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.'

अमेरिका ने नवंबर में ईरान से तेल आयात पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया. यह फैसला ईरान और दुनिया की छह शक्तियों के बीच परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने के ट्रंप के निर्णय के बाद लिया गया.

हालांकि वाशिंगटन ने ईरान से तेल खरीदने वाले आठ प्रमुख देशों को इस प्रतिबंध में छूट प्रदान करते हुए उन्हें छह महीने तक ईरान से तेल आयात जारी रखने की अनुमति दी. इन देशों में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और यूनान शामिल हैं.

भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर मई एक्सपायरी कच्चा तेल वायदा अनुबंध में सोमवार को रात 20.10 बजे 132 रुपये यानी 2.96 फीसदी की तेजी के साथ 4589 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था. इससे पहले कीमतों में 4,608 रुपये प्रति बैरल तक का उछाल आया.

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर जून डिलीवरी ब्रेंट क्रूड वायदा अनुबंध 2.65 फीसदी की तेजी के साथ 73.88 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि कारोबार के दौरान सौदे का भाव 74.31 डॉलर प्रति बैरल तक उछला. न्यूयॉर्क मर्के टाइल इंडेक्स (नायमैक्स) पर भी डब्ल्यूटीआई का जून अनुबंध 2.40 फीसदी की तेजी के साथ 65.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि भाव इससे पहले 65.86 डॉलर प्रति बैरल तक उछला.

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कमोडिटी बाजार के जानकारों कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई इस तेजी का असर आने वाले दिनों में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम पर देखने को मिलेगा क्योंकि भारत अपनी तेल की जरूरतों का 80 फीसदी आयात करता है और ईरान से तेल आयात करने वाला भारत प्रमुख देश है.
विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा होगा.

(इनपुट आईएनएस से)