logo-image
ओडिशा नाव हादसे में मरने वालों की संख्या हुई सात, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Punjab: संगरूर जेल में धारदार हथियार से हमला, दो कैदियों की मौत और 2 घायल Punjab: कांग्रेस को झटका, तेजिंदर सिंह बिट्टू ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी में होंगे शामिल Karnataka: बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन पहले पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की मौजूदगी में कई कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल कर्नाटक: पुलिस ने कांग्रेस नेता रिजवान अरशद और रणदीप सिंह सुरजेवाला को हिरासत में लिया पंजाब में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका पूर्व सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर आज दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गईं.

भारत ने अब यहां की सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकी कैंपों को किया तबाह, जानें पूरी Detail

भारतीय सेना की ओर से एक फिर सर्जिकल स्ट्राइक की गई. करीब 10 दिनों तक चली सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया.

Updated on: 16 Mar 2019, 08:21 AM

नई दिल्ली:

भारतीय सेना की ओर से एक फिर सर्जिकल स्ट्राइक की गई. करीब 10 दिनों तक चली सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया. भारत की ओर लगातार सर्जिकल स्ट्राइक की जा रही है. हालांकि, यह सर्जिकल स्ट्राइक आसपास के लोगों को ध्यान में रखकर की गई, ताकि किसी को कोई नुकसान न हो.

यह भी पढ़ें ः सर्जिकल स्ट्राइक के राजनीतिकरण से भाजपा को चुनाव में मदद नहीं मिलेगी : केजरीवाल

भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना के साथ मिलकर चलाए गए एक अभियान में म्यांमार में एक उग्रवादी समूह से संबंधित 10 शिविरों को नष्ट कर दिया. ऑपरेशन सनराइज एक बड़ा अभियान था, जिसमें चीन द्वारा समर्थित कचिन इंडिपेंडेंट आर्मी के एक उग्रवादी संगठन, अराकान आर्मी को निशाना बनाया गया. सूत्रों ने कहा कि शिविरों को म्यांमार के अंदर नष्ट किया गया और यह गहन अभियान 10 दिनों में पूरा हुआ.

यह भी पढ़ें ः सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब बनेगी एयर स्ट्राइक, जानिए पूरी डिटेल

भारतीय सेना ने म्यांमार को अभियान के लिए हार्डवेयर और उपकरण मुहैया कराए, जबकि इसने सीमा पर बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया. यह अभियान इस बात की जानकारी मिलने के बाद चलाया गया कि उग्रवादी कोलकाता को समुद्र मार्ग के जरिए म्यांमार के सितवे से जोड़ने वाली विशाल अवसंरचना परियोजना निशाना बना रहे हैं. यह परियोजना कोलकाता से सितवे के रास्ते मिजोरम पहुंचने के लिए एक अलग मार्ग मुहैया कराने वाली है. यह परियोजना 2020 तक पूरी होने वाली है.