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पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं के भारतीय राजनयिकों से मिलने पर लगाई रोक , भारत ने जताया विरोध

भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर राजनयिको का विवाद सामने आया है।

Updated on: 15 Apr 2018, 07:30 PM

highlights

  • पाकिस्तान ने लगाई भारतीय तीर्थ यात्रियों और राजनयिको की मुलाकात पर रोक
  • भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा-समझ से परे है ये व्यवहार 

नई दिल्ली:

भारत ने रविवार को पाकिस्तान में भारतीय राजनायिकों को सिख श्रद्धालुओं की मिलने पर रोक लगाने और राजनायिकों को रास्ते से ही वापस लौटने का दबाव डालने पर विरोध जताया।

विदेश मंत्रालय ने बताया, 12 अप्रैल को द्विपक्षीय समझौतों के तहत धार्मिक यात्रा पर भारत से 1800 सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ था।

बयान में विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय उच्चायोग जिन्हें बैसाखी के अवसर पर शनिवार को पंजा साहिब गुरूद्वारा में श्रद्धालुओं का स्वागत करना था, वापस लौटने के लिए मजबूर किया गया।

विदेश मंत्रालय ने इसे पाकिस्तान का 'अतार्किक कूटनीतिक बेअदबी' बताया और कहा कि ये घटनाएं राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का स्पष्ट उल्लंघन है।

मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'भारत ने तीर्थयात्रा पर गये श्रद्धालुओं से भारतीय राजनयिकों एवं दूतावास टीमों को नहीं मिलने देने पर कड़ा एतराज प्रकट किया है'

विदेश मंत्रालय ने बताया, 'भारतीय राजनयिकों की टीम सिख यात्रियों से वाघा रेलवे स्टेशन पर 12 अप्रैल को पहुंचने के बाद भी नहीं मिल सकी। 14 अप्रैल को भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के साथ पाक में मौजूद भारतीय राजनयिकों की बैठक रखी गई थी, लेकिन यहां भी पाकिस्‍तान ने आपस में लोगों को नहीं मिलने दिया।'

दो हफ्ते पहले ही भारत और पाकिस्तान राजनयिकों के साथ व्यवहार से जुड़े मुद्दों का समाधान करने पर राजी हुए थे क्योंकि इन दोनों देशों के दूतों ने एक दूसरे के राजनयिकों के उत्पीड़न का दावा - प्रतिदावा किया था।

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