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युद्ध से पहले की सारी तैयारियों की भारत ने की समीक्षा, बढ़ाई गई सभी बड़े प्रतिष्‍ठानों की सुरक्षा

भारत ने जहां तमाम बड़े रक्षा प्रतिष्‍ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी है, वहीं वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है. साथ ही एयर डिफेंस सिस्‍टम को एक्‍टिव कर दिया गया है.

Updated on: 26 Feb 2019, 12:09 PM

नई दिल्ली:

भारत ने पुलवामा हमले का बदला तो ले लिया, लेकिन उसके बाद की स्‍थिति से निपटने के लिए तमाम कवायद शुरू कर दी है. भारत ने जहां तमाम बड़े रक्षा प्रतिष्‍ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी है, वहीं वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है. साथ ही एयर डिफेंस सिस्‍टम को एक्‍टिव कर दिया गया है. इसका मलब यह है कि किसी भी खतरे की स्‍थिति में हवा में ही एयरक्राफ्ट को इंटरसेप्‍ट करके मार गिराया जाता है. इसके अलावा न सिर्फ देश के अंदरूनी मोर्चों पर बल्‍कि विदेशी मोर्चों पर भी तैयारी पूरी की गई है. पूरी कार्रवाई पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल नजर रखे हुए थे. उन्‍होंने मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर हालात पर चर्चा की. राजनाथ सिंह ने पूरे हालात की समीक्षा के लिए मंगलवार सुबह नॉर्थ ब्‍लॉक में बैठक की. 

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Surgical Strike2 के बाद दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा को लेकर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई गई थी, जो अब खत्म हो गई है. पीएम आवास पर करीब 45 मिनट तक चली बैठक में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री शामिल हुए थे. बताया जा रहा है कि यह बैठक काफी अहम है. बैठक में सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद के हालात को लेकर चर्चा की गई. 

बताया जा रहा है कि सरकार की रणनीति के अनुसार, देश के आतंरिक मोर्चों पर हालात पर नजर रखने को गृह मंत्री और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को अधिकृत किया गया है, वहीं विदेशी मोर्चों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज मोर्चा संभालेंगी. तय रणनीति के अनुसार, अगर पाकिस्‍तान किसी भी तरह का रिएक्‍शन देता है तो उस स्‍थिति में विदेश और गृह दोनों मोर्चों पर एक साथ निपटना होगा.

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बताया यह भी जा रहा है कि विदेश मंत्री कई दिनों से लगातार दूसरे देशों के संपर्क में थीं. एशिया, अफ्रीका और अमेरिका के राजदूतों और उनके विदेश विभाग से संपर्क किया जा रहा था. माना यह भी जा रहा है कि एयर स्‍ट्राइक से पहले अमेरिका, रूस, जापान के नेताओं से इस बारे में बात की गई थी. हालांकि अभी आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ नहीं कहा जा रहा है. अमेरिका और रूस ने पहले ही भारत को आत्‍मरक्षा का अधिकार होने की बात कहते हुए आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी.