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आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ आए भारत और रूस, सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर

दोनों देशों ने नई चुनौतियों जैसे सूचनाओं को साझा करने में बढ़ोतरी, डेटा बेस का निर्माण, पुलिस और जांच एजेंसियों की ट्रेनिंग में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है।

Updated on: 28 Nov 2017, 12:12 AM

highlights

  • दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों में सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को महत्वपूर्ण बताया है
  • भारत और रूस इस साल अपने राजनयिक संबंधों के 70वीं वर्षगांठ भी मना रहा है

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने तीन दिनों के रूस यात्रा के पहले दिन सोमवार को रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पैत्रुशेव से मॉस्को में मुलाकात की और आतंकवाद, चरमपंथ और उग्रवाद को खत्म करने के लिए सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बात की है।

दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों में सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को महत्वपूर्ण बताया है। दोनों देश आतंकवाद को संयुक्त रूप से खत्म करने को लेकर सहमत हुए और कहा कि आतंकवादी अच्छे और बुरे नहीं होते हैं।

इसके अलावा दोनों देशों ने नई चुनौतियों जैसे सूचनाओं को साझा करने में बढ़ोतरी, डेटा बेस का निर्माण, पुलिस और जांच एजेंसियों की ट्रेनिंग में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है।

दोनों देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए 2018 में भारत और रूस के बीच अगली संयुक्त कार्यकारी समूह बनाने पर हामी भरी है।

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सुरक्षा सहयोग के मसले पर भारतीय गृह मंत्रालय और रूस के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने एक नई और व्यापक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस विस्तारपूर्वक संधि में सुरक्षा संबंधी मुद्दों जैसे साइबर अपराध, जाली नोटों, नशीले पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, आर्थिक अपराध, बौद्धिक और सांस्कृतिक संपत्ति से संबंधित अपराध शामिल हैं, जिस पर दोनों देशों ने निपटने के लिए समझौता किया है।

तीन दिवसीय दौरे के दौरान राजनाथ सिंह रूस के हालात मंत्रालय के अंदर काम कर रहे 'नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट सेंटर' का भी दौरा करने वाले हैं।

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का सहयोग करते आए भारत और रूस इस साल अपने राजनयिक संबंधों के 70वीं वर्षगांठ भी मना रहा है।

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