logo-image

फ्रांस में एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने राफेल को उड़ा कर उसकी क्षमता परखी

वायुसेना उपाध्यक्ष एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने गुरुवार को फ्रांस में दासॉल्‍ट एविएशन की तरफ से भारत के लिए निर्मित पहला राफेल लड़ाकू विमान उड़ाकर उसकी क्षमता को परखा.

Updated on: 21 Sep 2018, 02:03 PM

नई दिल्‍ली:

वायुसेना उपाध्यक्ष एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने गुरुवार को फ्रांस में दासॉल्‍ट एविएशन की तरफ से भारत के लिए निर्मित पहला राफेल लड़ाकू विमान उड़ाकर उसकी क्षमता को परखा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लड़ाकू विमान की क्षमता को परखने के लिए वायुसेना उपाध्यक्ष चार दिन पहले ही पेरिस पहुंच गए थे. वह फ्रांस में दासॉल्‍ट एविएशन की तरफ निर्मित भारत के लिए बनाए जा रहे लड़ाकू विमानों की प्रगति का जायजा भी ले रहे हैं.

सितंबर से शुरू होगी आपूर्ति 

भारत को इन विमानों की आपूर्ति अगले साल सितंबर से शुरू होनी है. ये विमान कई तरह के शक्तिशाली हथियारों और मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं. भारतीय वायुसेना की एक टीम दासॉल्‍ट एविएशन की मदद के लिए पहले से ही फ्रांस में है ताकि भारत की जरूरत के मुताबिक इन विमानों में वायु और हथियार प्रणालियां लगाई जा सकें.

और पढ़ें : वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ बोले, भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए राफेल विमान की खरीदारी ज़रूरी

राफेल पर 10 अक्टूबर को सुनवाई

उधर देश में सुप्रीम कोर्ट में भारत-फ्रांस के बीच हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर रोक लगाने की याचिका पर 10 अक्टूबर को सुनवाई होगी. राफेल विमान सौदे से जुड़े मामले की सुनवाई मनोनीत चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच करेगी. याचिका में कहा गया है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत को ये विमान बहुत ऊंची कीमत में बेचने का सौदा हुआ है. ऐसे में सरकार ने देश के खजाने को नुकसान और अपने चहेतों और उनकी कंपनियों के हितों को लाभ पहुंचाया है.