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चार जजों ने देश से की अपील, सुप्रीम कोर्ट को बचाएं, तभी सुरक्षित होगा लोकतंत्र

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर लोगों से अपील की करते हुए कहा है कि लोकतंत्र को बचाना है तो इस संस्था की रक्षा करें।

Updated on: 12 Jan 2018, 03:52 PM

नई दिल्ली:

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर लोगों से अपील की करते हुए कहा है कि लोकतंत्र को बचाना है तो इस संस्था की रक्षा करें।

प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने चेलमेश्वर के घर पर प्रेस कांफ्रेंस की।

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि CJI को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कई बार मनाने की कोशिश की गई, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रयास विफल रहे। उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन सही से नहीं चल रहा है।

जस्टिस जे चेलमेश्वर ने संस्था के गिरते स्तर और हो रहे समझौतों को लेकर नाराज़गी जताई है।

उन्होंने कहा, 'इस देश और संस्था के प्रति ये हमारी जिम्मेदारी बनती है। इस संस्था को बचाने को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को समझाने के हमारे सारे प्रयास विफल हुए हैं।'

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लगाए जाने के सवाल पर जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा कि यह देश तय करे।

जस्टिस लोया के मौत की जांच के मामले की सुनवाई को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कि क्या ये मामला सुनवाई करने वाली बेंच को लेकर उठे विवाद पर नाराज़गी है तो जस्टिस गोगोई ने कहा, 'हां।' 

चारों जजों ने चीफ जस्टिस को 7 पन्नों का एक पत्र लिखा है। जिसमें अपनी शिकायतें दर्ज की हैं।

जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, 'हम चारों इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि जबतक कि इस संस्था को संरक्षित किया जाता है, समभाव को बनाए रखा जाता है तो देश का या किसी भी देश के लोकतंत्र की रक्षा हो सकेगी।

उन्होंने कहा, 'एक अच्छे लोकतंत्र की पहचान है कि वहां स्वतंत्र और निष्पक्ष जज हों। ये संस्था है और यहां सांकेतिक जज हैं।'

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