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गुजरातः तीन दिनों में वायुसेना का दूसरा जगुआर फाइटर जेट क्रैश

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का एक पायलट शुक्रवार को उस समय बाल-बाल बच गया, जब उड़ान के दौरान एक जगुआर विमान में तकनीकी गड़बड़ी पैदा हुई और वह गुजरात में एक वायुसेना अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

Updated on: 08 Jun 2018, 05:18 PM

अहमदाबाद:

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का एक पायलट शुक्रवार को उस समय बाल-बाल बच गया, जब उड़ान के दौरान एक जगुआर विमान में तकनीकी गड़बड़ी पैदा हुई और वह गुजरात में एक वायुसेना अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

भारतीय वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि पायलट एक स्क्वाड्रन लीडर हैं और वह नियमित प्रशिक्षण मिशन के बाद जामनगर वायुसेना अड्डे पर लौट रहे थे। विमान को उतारने के दौरान पॉयलट को विमान में एक गड़बड़ी का पता चला।

वह सुरक्षित रूप से विमान से बाहर आने में कामयाब रहे, लेकिन यह तत्काल पता नहीं चल सका है कि उन्हें कोई गंभीर चोट आई है या नहीं।

सूत्रों ने कहा कि रॉकेट समर्थित इजेक्शन सीट ने पायलट को बाहर किया, लेकिन इससे पहले विमान 500 फुट तक लुढ़का। इसके बाद विमान फिर 100 फुट तक लुढ़का और फिसलकर बगल की डामरयुक्त खुरदुरी जगह पर पहुंच गया।

प्रवक्ता ने कहा कि दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

बीते तीन दिनों में दूसरी बार आईएएफ जगुआर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।

उत्तर पश्चिम गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मंगलवार को एक जगुआर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसके पायलट एयर कोमोडोर संजय चौहान की मौत हो गई थी। उन्होंने भी जामनगर वायुसेना अड्डे से नियमित प्रशिक्षण मिशन के लिए उड़ान भरी थी।

जगुआर विमान चार दशक से सेवा में है। यह एसईपीईसीएटी के लाइसेंस के तहत निर्मित हैं। एसईपीईसीएटी एक एंग्लो फ्रेंच संघ है।

आईएएफ इन्हें आधुनिक एवियॉनिक्स, रडार प्रणाली और आधुनिक इंजनों के साथ उन्नत कर रहा है, जिससे इसका सेवा काल बढ़ाया जा सके।

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