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उत्तर प्रदेश में नए साल का जश्न मनाना पड़ सकता है महंगा, हिंदू संगठन की चेतावनी

विश्व हिंदू महासंघ के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने कहा कि नए साल का जश्न पश्चिमी (वेस्टर्न) संस्कृति का हिस्सा है, जिसको वे यहां पर प्रचलित नहीं होने देंगे।

Updated on: 18 Dec 2017, 11:01 AM

highlights

  • विश्व हिंदू महासंघ ने कहा कि नए साल का जश्न पश्चिमी संस्कृति का हिस्सा है
  • बीजेपी सांसद प्रमोद गुप्ता भी उनके विचार पर सहमति दिखाते नजर आए

आगरा:

उत्तर प्रदेश में इस बार नए साल का जश्न मनाना महंगा पड़ सकता है। इसका कारण जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में एक हिंदू दक्षिणपंथी समूह ने रविवार को घोषणा की है कि वे नए साल के जश्न का विरोध करेंगे। आगरा में एक हिंदू संगठन ने कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थन से ऐसा करने वाले हैं।

विश्व हिंदू महासंघ के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने कहा कि नए साल का जश्न पश्चिमी (वेस्टर्न) संस्कृति का हिस्सा है, जिसको वे यहां पर प्रचलित नहीं होने देंगे।

साथ ही मनोज अग्रवाल ने अपने बयान में अप्रत्यक्ष तरीके से जश्न मनाने वालों को धमकी भी दे दी है।

अग्रवाल ने कहा, 'नए साल के जश्न के नाम पर होटलों में अश्लीलता देखी जाती है और हम इसका विरोध करते हैं। पहले हम महात्मा गांधी के तरीके से उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे, लेकिन अगर वे नहीं मानते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।'

मनोज अग्रवाल के इस बयान के बाद बीजेपी सांसद प्रमोद गुप्ता भी उनके विचार पर सहमति दिखाते नजर आए।

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गुप्ता ने कहा, 'हमलोग युवाओं को हिंदू परंपरा के अनुसार नए साल के जश्न मनाने के लिए जागरूक कर रहे हैं, ताकि अगली पीढ़ी हमारी संस्कृति के बारे में जान सकेंगे।'

वहीं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हिंदू जागरण मंच ने स्कूलों में क्रिसमस नहीं मनाने की चेतावनी दी है। मंच ने कहा है कि क्रिसमस मनाना धार्मिक परिवर्तन की ओर बढ़ता हुआ कदम है।

हिंदू जागरण मंच की महानगर अध्यक्ष सविता ने कहा है कि अगर स्कूल ऐसा करते हैं, तो वे उनके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि क्रिसमस मनाने से बच्चों की मानसिकता प्रभावित होती हैं।

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