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'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन खत्म, अमृतसर घोषणापत्र में आतंकवाद के खात्मे पर हुई बात

'हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस' में आतंकवाद, चरमपंथ जैसे मुद्दे छाये रहे। अमृतसर घोषणापत्र के अनुसार, आतंक को पूरी तरह से खत्म करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की अपील की गई।

Updated on: 04 Dec 2016, 08:18 PM

highlights

  • 'हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस' संपन्न, आतंकवाद के खिलाफ पारित हुआ प्रस्ताव
  • कांफ्रेंस के बाद अरुण जेटली ने कहा, 'अच्छा या बुरा आतंकवाद नहीं होता है।'
  • भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं हुई द्विपक्षीय वार्ता

नई दिल्ली:

पंजाब के अमृतसर में हुए हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस का रविवार को समापन हो गया। इस कांफ्रेंस में आतंकवाद, चरमपंथ जैसे मुद्दे छाये रहे। अमृतसर घोषणापत्र के अनुसार, आतंक को पूरी तरह से खत्म करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की अपील की गई।

आतंकी और चरमपंथी संगठनों द्वारा युवाओं की भर्ती के मुद्दे पर सदस्य देशों को जरूरी कदम उठाने पर जोर दिया गया।

कांफ्रेंस में शामिल हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'इसका यही संदेश है, सभी तरह का आतंकवाद खत्म हो।' उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान कई दशकों से आतंकी और अतिवादी हिंसा का शिकार होता रहा है, इसे खत्म करना भी हमारी साझा जिम्मेदारी है।'

वित्त मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के ट्रकों का आवागमन पंजाब के अटारी के जरिए कराने की तैयारी हो रही है। ईरान और अफगानिस्तान के साथ भारत का पारगमन और परिवहन समझौता एक बड़ी उपलब्धि है।

जेटली ने बताया कि 'हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस' घोषणापत्र में कहा गया है कि आतंकवाद शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। सभी तरह के आतंकवाद पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत है। आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए फंड की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'अच्छा या बुरा आतंकवाद नहीं होता है।'

भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं हुई बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस' में शामिल हुए पाकिस्तान के पीएम के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के बीच द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई है।

डोभाल और अजीज के बीच शनिवार रात अनौपचारिक बातचीत हुई थी। दोनों की यह बातचीत भारत-पाक के तनावपूर्ण संबंधों और नगरोटा आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में हुई है। प्रधानमंत्री मोदी और अजीज के बीच भी देर रात अनौपचारिक बातचीत हुई थी

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हार्ट ऑफ एशिया इनिशिएटिव के 14 देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) हिस्से हैं।

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