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NIA का खुलासा, हरियाणा के पलवल में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के फंड से बनाई गई मस्जिद

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि हरियाणा के पलवल जिले में एक मस्जिद को लश्कर-ए-तैयबा से मिले फंड से बनाया गया है.

Updated on: 15 Oct 2018, 02:50 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का हरियाणा के एक मस्जिद के साथ संबंधों का सनसनीखेज खुलासा किया है. एनआईए ने कहा कि हरियाणा के पलवल जिले में एक मस्जिद को लश्कर से मिले फंड से बनाया गया है. एनआईए का कहना है कि मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान ने दुबई में स्थित एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान से 70 लाख रुपये लिए हैं. माना जा रहा है कि कामरान लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता है और भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए फंड प्रदान करता है.

आतंकी फंडिंग मामले में मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान सहित 3 लोगों की गिरफ्तारी के बाद पलवल के उत्तावर गांव में खुलाफा-ए-रशीदीन मस्जिद में एनआईए ने 3 अक्टूबर को सर्च अभियान चलाया था. जिसके बाद इन मामलों का खुलासा हुआ है.

वहीं गांव के निवासियों ने कहा कि गांव में स्थित खुलाफा-ए-रशीदीन मस्जिद लश्कर-ए-तैयबा द्वारा फंड नहीं किया गया है जैसा एनआईए कह रही है. गांव के मुखिया रमेश प्रजापति ने कहा, 'जमीन कानूनी है और कई गांवों के लोगों ने मस्जिद के निर्माण के लिए फंड दिया था.'

एनआईए ने इस संबंध में सितंबर महीनें में ही दिल्ली से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें कश्मीर का एक हवाला कुरियर भी शामिल था. तीन लोगों में मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान (52), मोहम्मद सलीम (62), श्रीनगर के सज्जाद अब्दुल वानी (34) शामिल थे. एजेंसी ने गिरफ्तार किए लोगों से एक करोड़ रुपये नगद और 43,000 रुपये की नेपाली मुद्रा और कई दस्तावेज बरामद किए थे.

एनआईए के अनुसार, विदेशों में पाकिस्तान स्थित फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) सदस्यों से दिल्ली में कई लोगों ने राशि प्राप्त की और इस राशि का उपयोग आतंकी गतिविधि के लिए किया गया.

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एफआईएफ का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से माना जाता है. इसकी स्थापना 1990 में हाफिज मोहम्मद सईद ने की थी. हाफिज सईद 2008 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है.