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उत्तर प्रदेशः गुप्ता ब्रदर्स परिवार के ठिकानों पर आयकर विभाग ने की छापेमारी, दस्तावेज किये जब्त

दक्षिण अफ्रीका में गुप्तागेट घोटाले मामले में बुधवार को आयकर विभाग ने गुप्ता ब्रदर्स परिवार के 7 ठिकानों पर छापेमारी की।

Updated on: 07 Mar 2018, 01:27 PM

नई दिल्ली:

दक्षिण अफ्रीका में गुप्तागेट घोटाले मामले में बुधवार को आयकर विभाग ने गुप्ता ब्रदर्स परिवार के 7 ठिकानों पर छापेमारी की। दरअसल, गुप्ता ब्रदर्स पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर करोड़ो के घोटाले का आरोप लगा है। इस आरोप की वजह से जैकब को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

आयकर विभाग के सीनियर अधिकारी अमरेंदर कुमार ने बताया कि गुप्ताब्रदर्स द्वारा अपनी काली कमाई को भारत में लाने का उन्हें संदेह था।

आयकर विभाग की टीम मंगलवार को गुप्ता ब्रदर्स के सहारनपुर स्थित 7 ठिकानों पर छापेमारी की और उनके घर और दफ्तर पर मौजूद सभी दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया।

इसके साथ ही गुप्ता ब्रदर्स के गाजियाबाद, मेरठ, दिल्ली, नोएडा और देहरादून के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा। सहारनपुर में ही एक साथ 7 टीमें पहुंची। सबसे पहले अजय गुप्ता के रानी बाजार स्थित उनके पुस्तैनी आवास पर छापेमारी की गई। इसके बाद टीम ने गुप्ता ब्रदर्स के रिश्तेदारों के घर छापेमारी की।

आयकर विभाग ने गुप्ता ब्रदर्स द्वारा अपने पिता स्व. शिव कुमार की याद में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से हकीकतनगर में बनवाए गए शिवधाम मंदिर के कार्यालय में भी छापेमारी की। उसके बाद टीम गुप्ता ब्रदर्स के रिश्तेदार अमर गुप्ता के सब्जी मंडी स्थित आवास पर पहुंची।

इसके अतिरिक्त गुप्ता ब्रदर्स के मिशन कंपाउंड स्थित आवास, गांव सड़क दूधली में बनवाए गए हैलिपैड स्थल और कार्यालय, गांव घुन्ना स्थित कैमिकल फैक्ट्री में भी पहुंचकर आयकर विभाग ने सारे दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया।

अजय, अतुल और राजेश गुप्ता तीन भाई हैं। ये तीनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता की यहां रानी मंडी में एक राशन की दुकान थी। तीनों भाई 1993 में दक्षिण अफ्रीका चले गए थे। यहां उन्होंने सहारा कंप्यूटर नाम से सेंटर खोला और उसके बाद देखते ही देखते इनका छोटा व्यवसाय बुलंदी छूने लगा।

गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 7वें नंबर पर आ गए। उन पर तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर घोटाले का आरोप लगा था। यह घोटाला वहां गुप्तागेट के नाम से सुर्खियों में आया। इस घोटाले की वजह से जैकब जुमा ने 15 फरवरी को उनके पद से इस्तीफा दे दिया था।

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