logo-image

गुजरात चुनाव परिणाम: दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश की बड़ी जीत

गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम के नतीजे दो युवा नेता जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर के लिए अच्छी खबर लेकर आया है।

Updated on: 18 Dec 2017, 05:43 PM

highlights

  • दलित नेता अल्पेश ठाकोर वडगाम सीट से जीत, कांग्रेस ने किया था समर्थन
  • अल्पेश ठाकोर ने राधनपुर सीट से बड़ी जीत हासिल की, उन्हें 85777 मत मिले

नई दिल्ली:

गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम के नतीजे दो युवा नेता जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और कांग्रेस उम्मीदवार अल्पेश ठाकोर ने बड़ी जीत हासिल की है।

बनासकांठा जिले के वडगाम निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश को 95,497 वोट मिले। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार विजयकुमार हरकाभाई को हराया। जिग्नेश को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का समर्थन मिला हुआ था।

ऊना कांड के बाद राष्ट्रीय पटल पर उभरे जिग्नेश ने कहा, 'मैं वडगाम की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। अब मैं विधानसभा में गुजरात के पिछड़े समाज की आवाज उठाऊंगा।'

युवा दलित नेता मेवानी अहमदाबाद से उना के लिए दलित गर्व जुलूस निकालने के बाद सुर्खियों में आए थे। उन्होंने दलित जुलूस के जरिए बीते साल गोरक्षकों द्वारा सौराष्ट्र क्षेत्र में दलित चर्मकारों पर हुई ज्यादती का विरोध किया था।

गुजरात चुनाव की हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें

इससे पहले उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने या चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई थी। उन्होंने कांग्रेस के राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उनकी पार्टी को समर्थन जताया था। जिग्नेश शुरुआत से ही बीजेपी के खिलाफ मुखर रूप से आवाज उठाते रहे हैं।

अल्पेश ठाकोर

कांग्रेस उम्मीदवार और ओबीसी (अन्य पिछला वर्ग) नेता अल्पेश ठाकोर ने राधनपुर सीट से बड़ी जीत हासिल की है। उन्हें 85777 मत मिले। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार लाविंगजी ठाकोर को हराया।

ठाकोर ने ओबीसी समुदाय, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के मोर्चे का गठन किया था, जिसे उन्होंने ओएसएस एकता मंच का नाम दिया। गुजरात चुनाव के दौरान वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

अल्पेश उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजराती खाने को पसंद नहीं करते हैं और ताइवानी मशरूम खाना पसंद करते हैं, जिसकी कीमत 80,000 रुपये प्रति किलो है।

और पढ़ें: कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन होता तो नतीजे अलग होते- प्रफुल्ल पटेल