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राहुल गांधी का पीएम मोदी पर वार, बोले- जीएसटी है 'गब्बर सिंह टैक्स'

राहुल ने मोदी से दो टूक कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर केंद्र में राजग सरकार बनते के बाद बेतहाशा बढ़ जाने के खुलासे पर वह अपनी चुप्पी तोड़ें।

Updated on: 24 Oct 2017, 08:53 AM

highlights

  • राहुल बोले- जीएसटी 'गब्बर सिंह टैक्स' है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया
  • राहुल ने कहा, मोदीजी, आपने तो कहा था, न खाएंगे और न किसी को खाने देंगे, लेकिन आप तो खिलाने भी लगे

नई दिल्ली:

ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस में शामिल होने से उत्साहित कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां मंगलवार को नोटबंदी और जीएसटी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि जीएसटी 'गब्बर सिंह टैक्स' है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।

राहुल ने मोदी से दो टूक कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर केंद्र में राजग सरकार बनते के बाद बेतहाशा बढ़ जाने के खुलासे पर वह अपनी चुप्पी तोड़ें।

उन्होंने कहा, 'मोदीजी, आपने तो कहा था, न खाएंगे और न किसी को खाने देंगे, लेकिन आप तो खिलाने भी लगे।'

रैली में युवा ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए राहुल ने बीजेपी पर गुजरातियों की 'बहुमूल्य' आवाज को खरीदने का आरोप लगाया और कहा कि गुजरात अमूल्य है, इसे खरीदा नहीं जा सकता।

उन्होंने यह बात पटेल नेता नरेंद्र पटेल को बीजेपी में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपये की पेशकश और पेशगी के तौर पर 10 लाख रुपये दिए जाने का खुलासा नोटों की गड्डियों के साथ मीडिया के सामने होने का जिक्र करते हुए कही।

नोटबंदी का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, पिछले साल 8 नवंबर को क्या हुआ? मोदीजी अचानक टेलीविजन पर आए और कहा कि मैं 500 और 1000 रुपये को पसंद नहीं करता हूं। इसलिए मैं इसे आधी रात से हटाने का फैसला करता हूं और ऐसा करके उन्होंने एक वार से पूरे देश पर हमला कर दिया।

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उन्होंने कहा, 'पहले दो या तीन दिन वह खुद नहीं समझ पाए कि क्या हुआ और मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा, 'मैंने इसे कर दिया।' लेकिन पांच-छह दिन बाद उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने गलती कर दी है। वह फिर टीवी पर सामने आए और कहा कि अगर 30 दिसंबर तक काला धन खत्म नहीं हुआ तो मुझे फांसी पर लटका देना।'

कैशलेस लेनदेन पर जोर दिए जाने का जिक्र करते हुए राहुल ने वहां उपस्थित किसानों की भीड़ की ओर इशार कर पूछा कि क्या वे अपने मोबाइल फोन या चेक से बीज और उर्वरक खरीद पा रहे हैं? भीड़ ने 'ना' में जवाब दिया।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'मोदी ने समूची अर्थव्यवस्था चौपट कर दी। वह यहीं नहीं रुके, इस साल जीएसटी लागू कर दिया। जीएसटी हमारा विचार था। हम इसे लाए थे, यह कम फॉर्मो के साथ पूरे देश में 18 प्रतिशत एक कर लागू करने की प्रणाली थी, जिसे इन्होंने तोड़-मरोड़ कर अपने मनमाफिक पेश किया। इनका जीएसटी वह जीएसटी नहीं है, यह है गब्बर सिंह टैक्स।'

उन्होंने कांग्रेस के कर स्लैब में कटौती करने के सुझाव को ठुकराने के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की भी आलोचना की।

राहुल ने कहा, 'लेकिन उन्होंने (बीजेपी) कहा कि वह इसे उसी तरह लागू करेंगे, जैसा नोटबंदी में किया। उन्होंने आधी रात को जश्न मनाकर इसे लागू किया और अब 28 प्रतिशत का जीएसटी है और तीन र्टिन फॉर्म हैं।'

राहुल ने 'मेक इन इंडिया' स्लोगन पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में हर जगह चीनी सामान पटे परे हैं और उनका प्रचार भी कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार को युवाओं को रोजगार देना था। भारत की प्रतिस्पर्धा चीन के साथ है। ऐसे में रोजगार चीन जाएगा या भारत आएगा?

राहुल ने कहा, 'ज्यादातर समान जो आप इस्तेमाल करते हैं, उसमें मेड इन चाइना का ठप्पा लगा रहता है। चाहे शर्ट हो, कैमरा हो या कुछ भी हो। जब आप सेल्फी के लिए बटन दबाते हैं, एक चीनी युवा को रोजगार मिलता है।'

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उन्होंने कहा, 'मोदीजी मेक इन इंडिया की बात करते हैं। गुजरात में अकेले, कम से कम 30 लाख बेरोजगार नौजवान हैं। प्रत्येक दिन 30,000 लोग रोजगार की तलाश में बाजार की ओर रुख करते हैं, लेकिन नौकरी मिलती है सिर्फ 450 लोगों को।'

अल्पेश ठाकोर ने जब जनसमूह को शांत रहने को कहा, तब राहुल बोले, 'अल्पेशजी, आप इनलोगों को चुप रहने के लिए कहते हैं। लेकिन ये लोग कैसे चुप रह सकते हैं। मोदीजी ने इन्हें काफी परेशान किया है, इसलिए ये लोग अब चुप नहीं रह सकते।'

उन्होंने आगे कहा, 'यहां तक कि हार्दिक, जिग्नेश मेवानी (दलित नेता) भी चुप नहीं रह सकते। उनलोगों की भी अपनी आवाज है। और यह कोई साधारण आवाज नहीं है। इसे खरीदा या दबाया नहीं जा सकता।'

उन्होंने कहा, 'चाहे एक करोड़ ,100 करोड़, 1,000 करोड़ दिए जाएं या भारत की या दुनिया के सारे धन देकर भी गुजरात के लोगों की आवाज को दबाया या खरीदा नहीं जा सकता।'

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