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गुजरात चुनाव: राहुल गांधी से नहीं मिलेंगे जिग्नेश मेवानी, कहा- पहले दलितों पर स्टैंड साफ करे कांग्रेस

दलित समुदाय के युवा नेता जिग्नेश ने कांग्रेस को झटका देते हुए कहा कि हम राहुल गांधी से या किसी भी नेता से मिलेंगे तो व्यक्तिगत लाभ के लिये नहीं मिलेंगे। हम दलितों के हक के लिए मिलेंगे।

Updated on: 31 Oct 2017, 01:03 PM

highlights

  • जिग्नेश मेवानी ने राहुल गांधी से मिलने से किया इनकार, कहा- पहले दलितों पर स्टैंड साफ करे कांग्रेस
  • मेवानी ने कहा, रही बात मिलने-जुलने की तो खबर यह बनना चाहिए कि 22 साल में गुजरात की जनता को क्या मिला?
  • कांग्रेस बोली, जिग्नेश सही हैं, जब तक पार्टी अपना स्टैंड साफ नहीं करती है कोई भी किसी से कैसे मुलाकात करेगा

नई दिल्ली:

गुजरात विधानसभा चुनाव में युवा त्रिमूर्ति अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी को कांग्रेस हरसंभव साथ लाने की कोशिश कर रही है।

वहीं दलित समुदाय के युवा नेता जिग्नेश ने कांग्रेस को झटका देते हुए कहा कि हम राहुल गांधी से या किसी भी नेता से मिलेंगे तो व्यक्तिगत लाभ के लिये नहीं मिलेंगे। हम दलितों के हक के लिए मिलेंगे। कांग्रेस अपना पक्ष साफ करे।

इससे पहले खबर आई थी की मंगलवार को दोपहर एक बजे जिग्नेश मेवानी दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। अब जिग्नेश ने इससे इनकार किया है।

कांग्रेस ने जिग्नेश के फैसले पर कहा कि वह सही हैं। गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत ने कहा, 'जिग्नेश सही हैं। जब तक पार्टी अपना स्टैंड साफ नहीं करती है कोई भी किसी से कैसे मुलाकात करेगा।'

मेवानी ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर लिखा, 'मेरा मीडिया के साथियों से सादर अनुरोध है कि कृपया यह ग़लत खबर दोबारा मत चलाइए की हम आज राहुल गांधी को मिलने वाले है।'

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उन्होंने कहा, 'हम राहुल गांधी जी को या किसी भी नेता को मिलेंगे तो हमारे व्यक्तिगत लाभ के लिये नहीं मिलेंगे, मिलेंगे तो दलित समाज के जिन सवालों को लेकर गुजरात की बीजेपी सरकार बात करने को तैयार नहीं उस सवालों पर कांग्रेस पार्टी का पक्ष क्या है उस की स्पष्टता के लिये ही मिलेंगे।'

दलित नेता ने कहा, 'हम चोरी छुपी किसी को क्यों मिले? रही बात मिलने-जुलने की तो खबर यह बनना चाहिए कि 22 साल में गुजरात की जनता को क्या मिला?'

आपको बता दें की गुजरात में दलित करीब 7 प्रतिशत हैं। कांग्रेस ऊना आंदोलन के बाद राष्ट्रीय फलक पर उभरे दलित नेता जिग्नेश मेवानी को चुनाव में साथ लाने की जुगत में है।

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पिछले करीब दो सालों में गुजरात में तीन आंदोलन हुए हैं। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद हार्दिक पटेल उभरे हैं। जबकि अल्पेश ठाकोर शराब मुक्ति अभियान चलाकर ठाकोर समाज में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। तीनों युवा नेता राज्य में 22 साल से सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं।

पिछले दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने युवा त्रिमूर्ति की तारीफ करते हुए कहा था कि हार्दिक, जिग्नेश मेवानी चुप नहीं रह सकते। उन लोगों की भी अपनी आवाज है और यह कोई साधारण आवाज नहीं है। इसे खरीदा या दबाया नहीं जा सकता।

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