नई दिल्ली:
पूरा देश गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणाम का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है जिसमें अब महज कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं। चंद घंटों के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि बीजेपी 6 बार भी राज्य के सत्ता पर कब्जा जमाएगी या फिर कांग्रेस के 22 सालों का सूखा खत्म होगा।
गुजरात की 182 विधानसभा सीटों और हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे सोमवार को सामने आएंगे।
गुजरात में एग्ज़िट पोल के नतीजों से गदगद भारतीय जनता पार्टी के (बीजेपी) कार्यकर्ताओं ने ऑफ़िस को दुल्हन की तरह सज़ा दिया है। वहीं राहुल गांधी की ताबड़-तोड़ रैली के बाद कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि गुजरात में 22 साल के बाद कांग्रेस की वापसी होगी। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में बीजेपी लगभग अपनी जीत तय मान रही है।
गुजरात में अंदरखाने इस बात को लेकर भी चर्चा काफी तेज़ है कि पाटीदार आंदोलन, उना में दलितों की पिटाई के बाद पिछड़े समाज के लोगों में असुरक्षा की भावना, जीएसटी के ख़िलाफ़ व्यापारियों का रोष और राहुल की ताबड़तोड़ रैली कहीं बीजेपी का समीकरण बिगाड़ न दे।
हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह ने चुनाव परिणाम से पहले कहा है, 'कांग्रेस पार्टी हमेशा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ती है। पिछले 5 सालों में राज्य में काफी तेज़ी से विकास का काम हुआ है इसमें कहीं कोई शंका नहीं है।'
गांधीनगर में सोमवार को चुनाव परिणाम से पहले बीजेपी कार्यालय को दुल्हन की तरह सजाया गया है। बता दें कि राज्य में पिछले 22 सालों से बीजेपी सत्ता में है।
गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने मतगणना से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा, 'चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में आएगा और एक बार फिर हम राज्य में सरकार बनाएंगे। गुजरात की जनता ने विकास को चुना है।'
एग्जिट पोल के दावों के उलट बीजेपी के ही एक सांसद ने कहा है कि राज्य में बीजेपी हार रही है और कांग्रेस की सरकार बनेगी।
महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद संजय काकड़ ने अपने एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि 72 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को पसंद किया। काकड़ ने चुनाव प्रचार अभियान को लेकर इशारों-इशारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा, 'हमारी टीम ने सर्वे किया था और काफी चैनलों ने भी दिखाया है कि 72 फीसदी समाज कांग्रेस के पीछे था। दलित रहेगा। ओबीसी रहेगा। मुस्लिम रहेगा। पटेल समाज रहेगा। सब कांग्रेस के पीछे थे। पहली बार ऐसा हुआ है। तीसरी बात यह है कि 15 दिन पहले प्रचार हुआ है, वहां हमने विकास के बारे में कोई बात नहीं की है।'
वहीं दूसरी तरफ गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने बीजेपी पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पटेल) को हैक करने का आरोप लगाया है।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएसी) के नेता हार्दिक पटेल ने कहा, 'पहले चरण में वीवीपीएटी मशीन क्यों इस्तेमाल की गई? इनका इस्तेमाल वहां हुआ जहां कमी थी। मुझे इस पर सुप्रीम कोर्ट का रुख समझ नहीं आया।'
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वहीं गुजरात में कांग्रेस चुनाव प्रभारी अशोक गहलोत ने हार्दिक पटेल का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिए ज़रूरी है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं।
गहलोत ने कहा, 'शंका का सामाधान निकाला जाना चाहिए, ये लोकतंत्र के लिए ज़रूरी है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं। ईवीएम मशीन पर अगर सवाल खड़े हो रहे हैं तो इसका जवाब मिलना चाहिए।'
पटेल ने ट्विटर पर आरोप लगाते हुए लिखा कि अहमदाबाद की कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मदद से ईवीएम के कोड बदलने की साजिश की जा रही है।
रविवार को पटेल ने ट्वीट पर लिखा, 'अहमदाबाद की एक कंपनी के द्वारा 140 सॉफ्टवेयर इंजीनियर के हाथों से 5,000 EVM मशीन के सोर्स कोर्ड से हेकिंग करने की तैयारी हैं।'
हालांकि अहमदाबाद के जिला कलेक्टर ने हार्दिक पटेल के इस आरोप को आधारहीन बताया है।
जिला कलेक्टर ने कहा, 'इस तरह के आरोप पूरी तरह से आधारहीन है। मैं समझती हूं कि इस तरह के मुद्दों पर कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता है तो इस पर सफाई चुनाव आयोग देगा।'
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इससे पहले पीएम मोदी ने भी पहले चरण के चुनाव के बाद कांग्रेस के ईवीएम हैक करने के आरोप का जवाब देते हुए कहा था कि वो चुनाव हार चुकी है इसलिए ईवीएम पर दोष मढ़ रही है।
पीएम मोदी के लिए गुजरात चुनाव लिट्मस टेस्ट माना जा रहा है। क्योंकि गुजरात के विकास मॉडल के भरोसे ही पीएम मोदी ने पूरे देश में भगवा का परचम लहराया है और अगर गुजरात में कहीं उनकी हार हुई तो अपने घर में ही मॉडल फ्लॉप करार दे दिया जाएगा।
वहीं कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए गुजरात चुनाव परिणाम कई मायनों मे ख़ास है। शनिवार को ही राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली है।
इसके अलावा पहली बार कांग्रेस की तरफ से सिर्फ राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार की ज़िम्मेदारी अपने हाथों में ली है और पीएम मोदी को विकास के मुद्दे पर हर तरीके से घेरने की कोशिश की है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए गुजरात चुनाव परिणाम बेहद ख़ास है और वो चाहेंगे की आगाज़ जीत हो।
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HIGHLIGHTS
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