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उपभोक्ता और कारोबारियों को बड़ी राहत, 178 वस्तुओं पर GST दर घटा, होटल में खाना हुआ सस्ता

जेटली ने कहा, 'वस्तु एवं सेवा कर परिषद ने 178 वस्तुओं को 28 प्रतिशत के कर दायरे से बाहर कर दिया है और अब इन वस्तुओं को 18 प्रतिशत के कर दायरे में लाया गया है। यह इस महीने की 15 तारीख से लागू होगा।'

Updated on: 11 Nov 2017, 08:04 AM

highlights

  • 178 वस्तुओं पर जीएसटी दर 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी
  • रेस्तरां जो पांच सितारा होटल से बाहर हैं, उन पर कर की दर 5 फीसदी तय की गई
  • अब 31 मार्च 2018 तक जीएसटीआर 3बी दाखिल किया जा सकेगा

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए 178 वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। 

वहीं, सभी रेस्तरां जोकि पांच सितारा होटल से बाहर हैं, उन पर कर की दर 5 फीसदी तय कर दी गई है। हालांकि उन्हें इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की दो दिवसीय बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'वस्तु एवं सेवा कर परिषद ने 178 वस्तुओं को 28 प्रतिशत के कर दायरे से बाहर कर दिया है और अब इन वस्तुओं को 18 प्रतिशत के कर दायरे में लाया गया है। यह इस महीने की 15 तारीख से लागू होगा।'

उन्होंने कहा, 'दो वस्तुओं के कर दायरे को 28 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है।'

जेटली ने यह भी कहा कि परिषद 28 प्रतिशत कर दायरे पर ध्यान दे रही है और इस कर दायरे में मौजूद सभी वस्तुओं को कम कर दायरे में लाने के लिए तार्किक रूप से लगातार काम किया जा रहा है।

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क्या-क्या हुआ सस्ता

रोजमर्रा के इस्तेमाल किये जाने वाले सामान में शैम्पू, डियोडरेंट, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव लोशन, जूतों की पॉलिश, चॉकलेट, च्यूइंग गम, पोषक पेय पदार्थ शामिल है।

जो उत्पाद अभी भी 28% के स्लैब में हैं

जीएसटी के 28 फीसदी स्लैब में अब केवल 50 उत्पाद होंगे, जिनमें व्हाइट गुड्स, सीमेंट और पेंट्स, वाहन, हवाई जहाज और मोटरबोट शामिल हैं।

होटल में खाना होगा सस्ता

अब महंगे होटलों को छोड़कर सभी किस्म के रेस्तरां में खाना सस्ता हो जाएगा। इन पर अब 5 फीसदी कर लगाया जाएगा। हालांकि इन्हें अब इनपुट क्रेडिट नहीं दिया जाएगा। जेटली ने कहा कि ये ग्राहकों को इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं दे रहे थे, इसलिए यह सुविधा नहीं दी जाएगी। 

जिन होटल के कमरों का किराया 7,500 रुपये या उससे अधिक है, वहां के रेस्तरांओं को 18 फीसदी की दर से जीएसटी चुकाना होगा, साथ ही उन्हें इनपुट क्रेडिट का लाभ भी मिलेगा।

कारोबारियों को राहत

जीएसटी परिषद ने रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया में छोटे करदाताओं के लिए अनुपालन का बोझ कम किया है। अब 31 मार्च 2018 तक जीएसटीआर 3बी दाखिल किया जा सकेगा।

वित्त सचिव हंसमुख अधिया ने संवाददाताओं को बताया, 'सभी करदाताओं को जीएसटीआर 3बी दाखिल करना होगा। हालांकि छोटे कर दाताओं या शून्य कर चुकाने वालों के लिए इसे सरल बनाया गया है। ताकि वे दो या तीन चरणों में अपना रिटर्न दाखिल कर सकें।'

उन्होंने बताया कि परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए केवल जीएसटी 1 भरा जाएगा और क्योंकि हम बैकलॉग में चल रहे हैं - जहां हम 11 जुलाई तक केवल जुलाई के लिए रिटर्न दाखिल करेंगे।

उन्होंने कहा, '1.5 करोड़ से अधिक कारोबार करने वाले करदाताओं के लिए जिनके पास इनवायस की बड़ी संख्या है। हम नहीं चाहते कि उनका रिटर्न एक तिमाही तक लंबित रहे। इसलिए उन्हें अपना इनवायस मासिक दाखिल करना चाहिए।'

अधिया ने यह भी कहा कि रिटर्न को सरल बनाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो खरीद विवरण को जीएसटीआर 2 के तहत तथा इनवायस के मिलान को जीएसटीआर 3 के अंतर्गत रखने पर काम कर रही है।

परिषद ने यह भी फैसला किया है कि 'शून्य' करदाता के लिए देर से रिटर्न दाखिल करने का शुल्क अब 20 रुपये रोजाना होगा, जो पहले 200 रुपये रोजाना था और अन्य के लिए इसे कम कर 50 रुपये रोजाना कर दिया गया है।

परिषद ने रियल एस्टेट को जीएसटी के अंतर्गत लाने पर फिलहाल फैसले को अगली बैठक तक के लिए टाल दिया है, क्योंकि उनके पास समय कम था।

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