जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में सहूलियत पर 21 जुलाई को फैसला: गोयल
जीएसटी परिषद उद्योग की मांग के प्रति उत्तरदायी रही है और यह राजस्व के साथ उचित संतुलन हासिल करने की आधार पर कर की दरों को दोबारा तर्कसंगत बनाने को लेकर अंतिम फैसला ले सकती है।
नई दिल्ली:
वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद 21 जुलाई को होने वाली बैठक में रिटर्न दाखिल करने में सहूलियत और आकलन को आसान बनाने पर चर्चा करेगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि परिषद आगामी बैठक में जीएसटी की दरों को भी तर्कसंगत बनाने पर विचार कर सकती है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद उद्योग की मांग के प्रति उत्तरदायी रही है और यह राजस्व के साथ उचित संतुलन हासिल करने की आधार पर कर की दरों को दोबारा तर्कसंगत बनाने को लेकर अंतिम फैसला ले सकती है।
गोयल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'जीएसटी परिषद ने पहले ही 328 मदों पर कर की दरें घटा दी है। अगर कोई उचित कारण होगा तो दोबारा कर की दरें घटाई जा सकती हैं। इसे राजस्व पर विचार करते हुए संतुलन स्थापित किया जाएगा।'
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी के तहत जून में राजस्व संग्रह 95,000 करोड़ रुपये को पार कर गया, जोकि वित्त वर्ष 2017-18 के औसत मासिक कर संग्रह 89,885 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
आगामी बैठक के दौरान परिषद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने पर अंतिम फैसला ले सकती है।
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने इससे पहले कहा था कि बेहतर ढंग से कर अनुपालन के साथ जीएसटी अब सुचारु चरण में प्रवेश कर चुका है। इसलिए अब कर रिटर्न के नियमों को सरल बनाना सरकार की प्राथमिकता होगी।
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