महाराष्ट्र के श्रमिक नेता का दावा-प्रिंटिंग प्रेस में स्याही खत्म होने से हुआ कैश क्रंच
महाराष्ट्र के एक श्रमिक नेता ने यह दावा किया है कि नासिक स्थित करंसी प्रिंटिंग प्रेस में नोटों की छपाई वाली स्याही खत्म हो जाने के कारण 200 और 500 रुपये की नई नोटों की छपाई में रुकावट आ रही है।
नई दिल्ली:
'कैश की किल्लत' के कारण देश भर में जनता एक बार फिर एटीएम के बाहर लाइन में खड़ी है। सरकार से लेकर बैंक अधिकारी तक इसके पीछे अलग-अलग वजह बता रहे हैं।
जहां कोई अचानक बढ़ी कैश की डिमांड को इसका कारण बता रहा है तो कोई फैस्टीवल सीजन को लेकिन महाराष्ट्र के करंसी प्रिंटिग प्रेस से एक अलग ही खबर आ रही है।
महाराष्ट्र के एक श्रमिक नेता ने यह दावा किया है कि नासिक स्थित करंसी प्रिंटिंग प्रेस में नोटों की छपाई वाली स्याही खत्म हो जाने के कारण 200 और 500 रुपये की नई नोटों की छपाई में रुकावट आ रही है। श्रमिक नेता का दावा है कि नोटों की छपाई रुकने के कारण भी देश में करंसी क्रंच की समस्या आ रही है।
इस बारे में छापाखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने यह जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा-'नोटों की छपाई में आयातित स्याही का इस्तेमाल होता है जो अभी उपलब्ध नहीं है।'
जगदीश गोडसे के इस बयान के बाद आरबीआई की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।गोडसे का बयान ऐसे वक्त में आया है जब सरकार ने कैश क्रंच से निजात पाने के लिए 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढाने का आदेश दिया है।
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