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सरकार ने शहीदों को दी जाने वाली सहायता राशि की दोगुनी, 25 से 45 लाख़ तक मिलेगा मुआवज़ा

नए फ़ैसले के बाद से उनकी सहायता राशि बढाकर 25 से 35 लाख़ तक कर दी गयी है।

Updated on: 18 Nov 2016, 05:11 PM

highlights

  • ड्यूटी पर तैनात जवान की दुर्घटना में मौत होने पर 25 लाख़ 
  • आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद होने पर 35 लाख़
  • रेस्क्यू में शहीद होने वाले सैनिकों को 45 लाख 

नई दिल्ली:

काफी दिनों से वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ माहौल बन रहा था। लेकिन सरकार ने अपने नए फ़ैसले से डैमेज कंट्रोल करने की पूरी कोशिश की है।
केंद्र सरकार ने फ़ैसला लिया है कि युद्धक्षेत्र में शहीद होने वाले जवानों का मुआवज़ा बढ़ाया जाय।

इससे पहले शहीद जवानों के परिवार को 10 से 15 लाख़ तक की सहायता राशि दी जाती थी। लेकिन नए फ़ैसले के बाद से उनकी सहायता राशि बढाकर 25 से 35 लाख़ तक कर दी गयी है। कुछ स्पेशल केस में ये राशि 45 लाख़ तक भी की गई है।

फ़िलहाल सैनिकों को ये राशि प्रधानमंत्री राहतकोष से दी जाएगी, बाद में डिफ़ेन्स सेक्टर में 7वां वेतन आयोग की मॉड्यूल में इसे शामिल कर लागू किया जाएगा और वहीं से राशि भी दी जाएगी।

कैसे तय होगी सहायता राशि
- ड्यूटी पर तैनात जवान की दुर्घटना में मौत होने पर 25 लाख़ मिलेगा मुआवज़ा, पहले था 10 लाख़।
- आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद होने पर 35 लाख़ रुपये का मिलेगा मुआवज़ा, पहले था 15 लाख़।
- सियाचिन जैसे क्षेत्रों में ड्यूटी पर शहीद होने वालों को भी मिलेगा 35 लाख़ का मुवाज़ा पहले था 15 लाख़।

हालांकि युद्ध या युद्ध जैसे हालात होने पर या फिर किसी दूसरे देश में भारतीय नागरिक के बचाव के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों को 45 लाख रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।