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सरकार 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग, पेट्रोल-डीजल टैक्स कटौती पर चुप्पी

सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उसका टैक्स रेवेन्यू बेहतर रहेगा और वह इस साल के लिए तय विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लेगी.

Updated on: 16 Sep 2018, 06:51 AM

नई दिल्ली:

सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत के बजट लक्ष्य के दायरे में रखने पर अडिग है. सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उसका टैक्स रेवेन्यू बेहतर रहेगा और वह इस साल के लिए तय विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह जानकारी दी. हालांकि, उन्होंने पेट्रोल, डीजल पर टैक्स कटौती को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया. चालू खाते के बढ़ते घाटे (कैड) को नियंत्रित रखने और रुपये में गिरावट को थामने के उपायों की घोषणा के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को भी अर्थव्यवस्था की समीक्षा जारी रखी. प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज का जायजा लेते हुए टैक्स कलेक्शन और वृहद आर्थिक संकेतकों पर गौर किया.

बैठक के बाद जेटली ने कहा कि सरकार को 2018-19 के बजट में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.2 से 7.5 फीसदी की अनुमानित वृद्धि दर को पार कर लेने की उम्मीद है. उन्होंने विश्वास जताया कि पूंजीगत खर्च के तय लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा और टैक्स संग्रह के लक्ष्य को पार कर लिया जाएगा.

इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से एक लाख करोड़ रुपये के रेकॉर्ड विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लिया जाएगा. जेटली ने कहा कि आधार बढ़ने से टैक्स कलेक्शन बेहतर रहेगा और यह संग्रह बजट अनुमान से अधिक रहेगा. उन्होंने कहा कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में चीजें दुरुस्त हो रही हैं.

वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि बैठक में पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के मुद्दे पर कोई चर्चा हुई या नहीं. पेट्रोल के दाम 81.63 रुपये लीटर और डीजल 73.54 रुपये प्रति लीटर की रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में ईंधन कीमतों और शुल्कों में कटौती पर चर्चा हुई, जेटली ने कहा कि यह आंतरिक समीक्षा बैठक थी. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इन दोनों ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती कर इनके दाम में उपभोक्ताओं को राहत देने की घोषणा कर सकती है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती क्योंकि उत्पाद शुल्क में एक रुपये की कटौती से उसे करीब 14,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा.

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वित्त मंत्री ने बताया कि पूंजी व्यय 31 अगस्त तक बजट अनुमान का 44 प्रतिशत रहा है, ऐसे में सरकार यह साल पूंजीगत खर्च में बिना किसी कटौती के पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि ऊंची वृद्धि दर के लिए 100 प्रतिशत पूंजी व्यय बेहद जरूरी है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को भरोसा है कि बजट में वृद्धि दर का जो अनुमान लगाया है उससे ऊंची वृद्धि हासिल होगी.

मुद्रास्फीति व्यापक रूप से नियंत्रण में है. राजस्व संग्रह पर जेटली ने कहा कि कालेधन पर अंकुश के उपायों, नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अब टैक्स आधार में व्यापक वृद्धि दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि सीबीडीटी का मानना है कि इस साल टैक्स कलेक्शन बजट लक्ष्य से अधिक रहेगा.

अप्रत्यक्ष टैक्स के बारे में जेटली ने कहा कि जीएसटी में चीजें अब ठीक हो रही हैं और खपत में बढ़ोतरी से आगामी महीनों में टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा. कल की समीक्षा बैठक के बाद सरकार ने विनिर्माण कंपनियों के लिए विदेशी उधारी के नियमों को आसान बनाने की घोषणा की. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश से प्रतिबंध हटा दिए और मसाला बॉन्ड में टैक्स लाभ देने की घोषणा की.

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जेटली ने कहा कि कल की बैठक में प्राथमिक तौर पर ज्यादा ध्यान चालू खाते के घाटे को नियंत्रित रखने पर था. आज की बैठक आंतरिक थी जिसमें प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज पर गौर किया.