चीन-पाकिस्तान को देने मात, भारत 21 हजार करोड़ रु की मदद से सीमा पर बनाएगा 44 सड़कें
देश की सीमाओं को मजबूत करने और किसी भी विपरीत परिस्थिति में सेना को सीमा में पहुंचाने के लिेए भारत सरकार ने बड़ा रणनीतिक फैसला लेते हुए सीमाई राज्यों में 44 सड़कों के निर्माण का फैसला लिया है
नई दिल्ली:
देश की सीमाओं को मजबूत करने और किसी भी विपरीत परिस्थिति में सेना को सीमा तक पहुंचाने के लिेए भारत सरकार ने बड़ा रणनीतिक फैसला लेते हुए सीमाई राज्यों में 44 सड़कों के निर्माण का फैसला लिया है. पश्चिम में दुश्मन देश पाकिस्तान और उत्तर पूर्व में चीन की चालाकियों को मात देने के लिए मोदी सरकार ने 21 हजार करोड़ रुपये की मदद से करीब 44 सड़कों के निर्माण का आदेश दिया है. इन 44 सड़कों की कुल लंबाई करीब 2100 किलोमीटर होगी जिसके बनने के बाद मुश्किल और पहाड़ी इलाकों में कम से कम समय में भारतीय सेना चीन सीमा या फिर पाकिस्तान सीमा तक पहुंच जाएगी. किसी भी युद्ध की परिस्थिति को देखते हुए भारत सरकार के इस फैसले को बेहद अहम माना जा रहा है.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद इन सभी सीमा से सटे सड़कों का निर्माण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में होगा जहां भारत की सीमा सीधे पाकिस्तान या फिर चीन से सटी हुई है.
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एकतरफ जहां भारत से सटे सीमा पर चीन तेजी से अपने इलाकों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने में जुटा हुआ है ऐसे में भारत के लिए यह बेहद अहम है कि सेना की पहुंच सीमा तक बनाने के लिए सड़कों का निर्माण कराया जाए क्योंकि अरुणाचल और उत्तराखंड में कई ऐसे इलाके हैं जो बेहद दुर्गम हैं और वहां तक सेना को पहुंचने में काफी समय लगता है.
सीमा से सटे इन सड़कों के निर्माण का आदेश इसी महीने जारी हुई सीपीडब्ल्यूडी की सालाना रिपोर्ट के मोदी सरकार ने यह आदेश दिया है. इस निर्माण का मुख्य मकसद कम से कम समय में सेना को सीमा के आखिरी छोर तक पहुंचाना है. हालांकि अभी इस परियोजनाओं का पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति से पास होना बाकी है.
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गौरतलब है कि साल 2017 में सिक्किम के डोकलाम में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन की सेना आमने-सामने आ गई थी और टकराव की स्थिति बन गई थी. 70 दिनों के गतिरोध के बाद समझौते के तहत दोनों देश की सेना पीछे हटी थी. जिस जगह चीनी सैनिक सड़क निर्माण कर रहे थे वो भूटान की जमीन थी जिसपर चीन अपना दावा जताता रहा है. चूंकि भूटान जैसे छोटे देश के साथ भारत का सामरिक सुरक्षा समझौता है इसलिए भारतीय सेना ने चीन सैनिकों को विरोध किया था.
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