logo-image

भारतीय कंपनियां कारोबार बढ़ाने के लिए ले रही हैं गूगल क्लाउड का सहारा

कई भारतीय कंपनियां पिछले कुछ सालों से अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए गूगल क्लाउड का सहारा ले रही हैं।

Updated on: 13 Jan 2018, 11:31 PM

नई दिल्ली:

कई भारतीय कंपनियां पिछले कुछ सालों से अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए गूगल क्लाउड का सहारा ले रही हैं। गूगल ने देश में गूगल क्लाउड प्लेटफार्म (जीसीपी) के क्षेत्रीय संस्करण को पेश किया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्थानीय कंपनियों को इससे जोड़ा जा सके।

इस क्लाउड का क्षेत्र मुंबई है, जो गूगल के मूल अवसंरचना, डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निग के प्रयोग से कई सेवाएं उपलब्ध कराएगी, जिसमें कंप्यूटर, बिग डेटा, स्टोरेज और नेटवर्किंग शामिल हैं।

गूगल क्लाउड के कंट्री मैनेजर (इंडिया) मोहित पांडे ने बताया, 'गूगल क्लाउड रीजन को लांच करने के बाद कई नए सहयोगियों के लिए नए अवसर खुले हैं, जिससे उन्हें गूगल क्लाउड पर अपनी सेवाओं के निर्माण का लाभ मिलेगा।'

बात जब क्लाउड को अपनाने की आती है तो गूगल इंडिया इसे भारत में काफी आक्रामक तरीके से बढ़ावा दे रही है।

देश का पहला स्वदेशी मैसेजिंग प्लेटफार्म हाइक मैसेंजर ने अपना समूचा मैसेजिंग एप्लिकेशन और नेटवर्क के साथ ही अपने फ्रंट-एंड ट्रैफिक को गूगल क्लाउड पर स्थानांतरित कर लिया है।

गूगल क्लाउड पर स्थानांतरण से हाइक की लागत में 25-30 फीसदी की बचत हुआ तथा उसके प्लेटफार्म पर यूजर अनुभव भी बेहतर हुआ।

और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट जज विवाद: जस्टिस कुरियन ने जताया विश्वास, जल्द सुलझेगा विवाद

बड़ी कंपनियां और उभरते हुए कारोबार जैसे अशोक लेलैंड, कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन (सीईएससी), दैनिक भास्कर कॉर्प, रिलायंस एंटरटेनमेंट-डिजिटल, डालमिया सीमेंट, डीटीडीसी, टाटा स्काई और वॉलनट ने अपने तकनीकी प्लेटफार्म के रूप में गूगल क्लाउड का चयन किया है।

पांडे ने कहा, 'नया जीसीपी रीजन ज्यादा ग्राहकों को अपना एप्लिकेशन तैयार करने तथा अपने डेटा स्टोर करने तथा महत्वपूर्ण रूप से ग्राहकों और क्षेत्र के एंड यूजर्स के लिए लेटेंसी (एप शुरू होने में लगने वाला समय) को बेहतर करने में मदद करेगा।'

गूगल क्लाउड के मुंबई रीजन में एशिया प्रशांत क्षेत्र के सिंगापुर, ताइवान, सिडनी और टोक्यो शामिल हैं, जो इसे ग्राहकों के लिए उनके भौगोलिक क्षेत्रों में संसाधनों का उपयोग करते हुए अत्यधिक उपलब्ध होगा और उनके लिए परफॉरमेंट एप्लिकेशन का निर्माण आसान हो जाता है।

भारत में 5 करोड़ से ज्यादा एसएमबी (छोटे और मझोले उद्योग) हैं, जो इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाती है।

उन्होने कहा, 'हमारे पास अनुभवी उद्यमी और डेवलपर विशेषज्ञ हैं, जो स्टार्ट-अप्स, एसएमबी और बड़े उद्यमों की जरूरतों को समझते हुए उसी अनुरूप समाधान प्रदान करते हैं।'

और पढ़ें: 'सुप्रीम' विवाद पर बार काउंसिल की कोशिश, जजों से करेगा बात 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल