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Google Doodle : गूगल ने खास डूडल बना कर बाबा आमटे को किया याद, जानें कौन हैं यह

आज का डूडल मूल रूप से एक स्लाइड शो है, जो मुरलीधर देवीदास आमटे (बाबा बटे) के जीवन और उनकी विरासत के सम्मान में बनाया गया है.

Updated on: 26 Dec 2018, 08:32 AM

नई दिल्ली:

सर्च इंजन Google ने आज अपने डूडल(Google doodle) में एक बहुत प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और एक्टिविस्ट मुरलीधर देवीदास आमटे को समर्पित किया है. दरअसल आज उनका 104वां जन्मदिन है. जिन्हें मुख्यता बाबा बट्टे के नाम से जाना जाता है. आज का डूडल मूल रूप से एक स्लाइड शो है, जो मुरलीधर देवीदास आमटे (बाबा बटे) के जीवन और उनकी विरासत के सम्मान में बनाया गया है. बाबा आमटे ने अपना सम्पूर्ण जीवन जरूरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित कर दिया, विशेष रूप से कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के लिए.आज के ही दिन सन 1914 में, बाबा आमटे का जन्म महाराष्ट्र के एक धनी परिवार में हुआ था. वह ला की पढ़ाई के लिए बाहर गए और 20साल में ही वह अपनी सफल फर्म चला रहे थे.

अपनी उच्च परवरिश के बावजूद भी मुरलीधर देवीदास आमटे बचपन से ही भारत की वर्ग असमानताओं से अवगत थे.

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अपनी 30 साल की उम्र में ही, बाबा आमटे ने वंचितों के साथ काम करने के लिए अपना अभ्यास छोड़ दिया. बाबा आम्टे का जीवन उस दिन से हमेशा के लिए बदल गया, जब उनकी मुलाकात कुष्ठ रोग से पीड़ित एक व्यक्ति से हुई.

उस व्यक्ति के सड़ते हुए शरीर के दृश्य ने बाबा आमटे के मन में भारी भय भर दिया. इसके बाद आमटे ने 1985 में पहला निट इंडिया मार्च शुरू किया. 72 साल की उम्र में, वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत में एकता को प्रेरित करने के लिए एक सरल उद्देश्य के साथ 3,000 मील से अधिक की दूरी को तय किया था. मुरलीधर देवीदास आमटे  1971 में प्रतिष्ठित पदम श्री पुरुष्कार से 1988 में संयुक्त राष्ट्र पुरुस्कार और 1999 में गांधी शांति पुरुष्कार से सम्मानित किया गया था.