logo-image

जानें कौन हैं अनसूया साराभाई, गूगल ने समर्पित किया है डूडल

गूगल अपने डूडल के जरिए अक्सर दुनिया भर की महान हस्तियों को याद करने के लिए जाना जाता है। 11 नवम्बर को गूगल ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अनसूया साराभाई के 132वें जयंती के मौके पर डूडल के जरिए याद किया है।

Updated on: 11 Nov 2017, 08:47 AM

नई दिल्ली:

गूगल अपने डूडल के जरिए अक्सर दुनिया भर की महान हस्तियों को याद करने के लिए जाना जाता है। 11 नवम्बर को गूगल ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अनसूया साराभाई के 132वें जयंती के मौके पर डूडल के जरिए याद किया है।

गुजरात की अनुसूया साराभाई ने सामाजिक कार्यों में अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने बुनकरों और टेक्स्टाइल उद्योग के मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए 1920 में 'मजूर महाजन संघ' की स्थापना की थी। 'मजूर महाजन संघ' भारत के टेक्स्टाइल मजदूरों का सबसे बड़ा पुराना यूनियन है।

अनसूया को लोग प्यार से मोटाबेन कहकर बुलाते थे जिसका गुजराती में मतलब 'बड़ी बहन' होता है। उनका जन्म 11 नवंबर, 1885 को अहमदाबाद में साराभाई परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम साराभाई और माता का नाम गोदावरीबा था।

यह भी पढ़ें: फेसबुक ने शुरू की नई पहल, लोगों की मदद करने लाया 'डिजास्टर मैप'

अनसूया संपन्न परिवार से थी क्योंकि उनके पिता उद्योगपति थे। 9 साल की उम्र में उनके माता-पिता का निधन हो गया। इसके बाद वो अपने चाचा के पास रहने के लिए चली गई। 13 साल की उम्र में उनका बाल विवाह हुआ जो सफल नहीं रहा। अपने भाई की मदद से वह 1912 में मेडिकल की डिग्री लेने के लिए इंग्लैंड चली गईं लेकिन बाद में उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में दाखिला लिया।

भारत वापस आने के बाद उन्होंने एक स्कूल खोला। इस दौरान जब उन्होंने 36 घंटे की शिफ्ट के बाद थककर चूर मिल की महिला मजदूरों को घर लौटते देखा तो उन्होंने मजदूर आंदोलन करने का फैसला लिया।

उन्होंने 1914 में अहमदाबाद में हड़ताल के दौरान टेक्स्टाइल मजदूरों को संगठित करने में मदद की। वह 1918 में महीने भर चले हड़ताल में भी शामिल थीं। बुनकर अपनी मजदूरी में 50 फीसदी बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे लेकिन उनको सिर्फ 20 फीसदी बढ़ोतरी दी जा रही थी, जिससे असंतुष्ट होकर बुनकरों ने हड़ताल कर दिया था।

इसके बाद गांधी जी ने भी मजदूरों की ओर से हड़ताल करना शुरू कर दिया और अंतत: मजदूरों को 35 फीसदी बढ़ोतरी मिली। इसके बाद 1920 में मजूर महाजन संघ की स्थापना हुई। 1972 में अनसूया साराभाई का निधन हुआ।

यह भी पढ़ें: स्मॉग से बचने के लिए घर में रखें ये पौधे, एयर प्यूरीफायर का करते है काम