मकान खरीदारों को बड़ा तोहफा, सरकार ने निर्माणाधीन और किफायती घरों पर घटाया GST
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की बैठक हुई, जिसमें रियल एस्टेट के मसले पर चर्चा की जाएगी.
नई दिल्ली:
आम चुनाव से पहले मकान खरीदारों के अच्छे दिन आने वाले हैं. रविवार को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की बैठक हुई, जिसमें रियल एस्टेट के मसले पर चर्चा की गई. बैठक में आज निर्माणाधीन घरों की टैक्स दर कम और जीएसटी घटाने को लेकर फैसला हुआ. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद में निर्माणाधीन आवासीय घरों पर पांच प्रतिशत की कटौती की जो पहले 12 फ़ीसदी था. वहीं किफायती आवास पर 1% जीएसटी दर होगी. रियल एस्टेट सेक्टर पिछले कुछ सालों से मंदी के कारण सरकार जीएसटी में राहत की उम्मीद कर रही है. जीएसटी परिषद् की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, मेट्रो शहरों में 60 वर्ग मीटर तक के मकान किफायती माने जाएंगे, जबकि नॉन मेट्रो शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के घर अफोर्डेबल. इन घरों की अधिकतम कीमत 45 लाख रुपये होगी. 1 अप्रैल 2019 से नई दरें लागू होंगी.
A Jaitley:We've adopted twin definition of affordable housing. One on basis of carpet area&2nd on cost. In metros,60 sq m carpet area&Rs45 lakh cost of apartment to fall in affordable housing. In non metros,it'll be 90 sq m carpet&Rs 45 lakh cost;it'll come into effect from Apr 1 pic.twitter.com/rWJUmtVjCQ
— ANI (@ANI) February 24, 2019
इस समय राज्य सरकारों द्वारा संचालित लॉटरी योजनाओं पर 12 प्रतिशत और राज्य सरकारों द्वारा अधिकृत लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. जीएसटी परिषद की 33वीं बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए जेटली ने कहा कि उपभोक्ताओं को लग रहा था कि बिल्डर इनपुट कर पर छूट का लाभ उन्हें दे रहे थे. इसीलिए रीयल एस्टेट क्षेत्र में कर प्रणाली में बदलाव की सिफारिश के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया था.
परिषद ने इसके साथ ही किफायती दर की परिभाषा को भी उदार किया है. इसके तहत महानगरों (दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई-एमएमआर और कोलकाता) में 45 लाख रुपये तक की लागत वाले और 60 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के मकानों को इस श्रेणी में रखा जाएगा. इसी तरह छोटे-मझोले शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के मकानों को इस श्रेणी का माना जाएगा. इसके तहत महानगरों में शयनकक्ष वाले गैर-महानगरीय शहरों में तीन कमरों वाले मकान आएंगे.
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इस समय निर्माणाधीन या ऐसे तैयार मकान जिनके लिए काम पूरा होने का प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) नहीं मिला हो, उन पर खरीदारों को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना पड़ता है. लेकिन वर्तमान व्यवस्था में मकान निर्माताओं को इनपुट (निर्माण सामग्री) पर चुकाये गए कर पर छूट का लाभ भी मिलता है.
बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई थी. इस दौरान, परिषद ने 3बी रिटर्न्स दाखिल करने की आखिरी तारीख को दो दिनों के लिए और बढ़ा दिया है. जीएसटीआर-3बी एक मासिक संक्षिप्त विवरण रिटर्न है. गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अगुवाई वाली मंत्रियों के समूह (जीओएम) किफायती श्रेणी के घरों पर 3 फीसदी कर लगाने की सिफारिश की है, जो पहले 8 फीसदी थी.
(इनपुट-एजेंसी)
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