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परमाणु परीक्षण से लेकर कारगिल विजय तक पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के 5 बड़े काम

पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस (George Fernandes) अल्जाइमर्स से पीड़ित थे, लिहाजा उन्हें कुछ याद नहीं रहता था. लेकिन यह देश उन्‍हें कैसे भूल सकता है.

Updated on: 29 Jan 2019, 10:24 AM

नई दिल्‍ली:

पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस (George Fernandes) का मंगलवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. वह अल्जाइमर्स से पीड़ित थे, लिहाजा उन्हें कुछ याद नहीं रहता था. लेकिन यह देश उन्‍हें कैसे भूल सकता है. राजस्थान के पोखरण में भारत ने परमाणु परीक्षण किए तो उस समय देश के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस (George Fernandes) ही थे. इसके अलावा कारगिल विजय के दौरान भी रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस (George Fernandes) ही थे.

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11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण (Pokhran Nuclear Test)  में तीन बमों के सफल परीक्षण के साथ भारत न्यूक्लियर स्टेट बन गया. ये देश के लिए गर्व का पल था. अटल बिहारी वाजपेयी जब 19 मार्च 1998 को दूसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे तब कई क्षेत्रीय पार्टियों से समझौते करने पड़े थे. इसलिए भारत को परमाणु राष्ट्र बनाना इतना आसान नहीं था.

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न्यूक्लियर टेस्ट का काम पर्दे के पीछे जारी था. वहीं 1998 में ही सेनाध्यक्ष वीपी मलिक ने सेना की डिमांड खुलकर सामने रखी थी. 21 अप्रैल 1998 को उन्होंने कहा था, ‘परमाणु अस्त्रों और प्रक्षेपास्त्रों की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार सेना की रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता विकसित करे.’

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सेना प्रमुख की तरफ से आई डिमांड के ठीक दो दिनों बाद रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार एपीजे अब्दुल कलाम ने रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस की समिति को न्यूक्लियर प्रॉजेक्ट की जानकारी दी. अटल इसलिए भी परीक्षण जल्दी करना चाहते थे, क्योंकि चीन के बूते परमाणु हथियार दिखा रहे पाकिस्तान ने गौरी मिसाइल सफलतापूर्वक टेस्ट कर ली थी.

कारगिल विजय 

26 जुलाई, 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होता है.

करीब 18 हजार फुट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था और 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे. जॉर्ज के रक्षा मंत्री रहने के दाैरान ही भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के तहत पाकिस्‍तानी सेना के छक्‍के छुड़ा दिए.

जब जॉर्ज ने बुलाई थी रेल हड़ताल

1973 में फर्नांडिस 'ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन' के चेयरमैन चुने गए थे. जॉर्ज के इस पद को संभालने से पहले रेलवे के कर्मचारी सरकार से कुछ मांगें कर रहे थे. सरकार उन पर ध्यान नहीं दे रही थी. ऐसे में जॉर्ज ने 8 मई, 1974 को देशव्यापी रेल हड़ताल बुला ली. इसके बाद कई दिनों तक रेलवे का सारा काम ठप रहा था. इस हड़ताल के दौरान हजारों लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिनमें जॉर्ज भी शामिल थे. बाद में जार्ज रेल मंत्री भी बने.

इमरजेंसी के दौरान अलग-अलग भेष में रहे थे जॉर्ज
भारत में इमरजेंसी लगने के समय जॉर्ज फर्नांडिस कभी मछुआरे, कभी साधु तो कभी सिख के रूप में रहे थे. इस दौरान उन्होंने भूमिगत होकर इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलन चलाया था.

18 बार किया था सियाचिन ग्लेशियर का दौरा
जॉर्ज फर्नांडिस भारत के ऐसे रक्षामंत्री थे, जिन्होंने 6,600 मीटर ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर का 18 बार दौरा किया था.